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13 दिसंबर 2016

सिंघाड़ा या पानीफल के चमत्कारी फ़ायदे | Benefits of Water Chestnut of Singhara


पानी में उगने वाला यह फल सिंघाड़ा के नाम से जाना जाता है जिसे पानीफल भी कहते हैं इसे अंग्रेज़ी में वाटर चेस्टनट(Water chestnut) या  वाटर कैलट्राप(Water Caltrop) भी कहा जाता है

सिंघाड़ा गुणों से भरपूर एक बहुत ही पौष्टिक फल है जिसे आप कच्चा भी खा सकते हैं, उबाल कर भी खा सकते हैं, इसके सूखे फल का चूर्ण बना कर भी इस्तेमाल किया जाता है
इस से कई तरह के पकवान और मिठाईयां भी बनायी जाती हैं

मीठे पानी में उगने वाले फल सिंघाड़ा में विटामिन C, प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं

सिंघाड़ा खाने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है और कई तरह के रोग दूर होते हैं, यह एक तरह का चीप एंड बेस्ट फल है जो अपने आप में बेजोड़ है


तो आईये जानते हैं कि सिंघाड़ा के क्या-क्या फ़ायदे हैं- 

बल वीर्य बढ़ाने, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष दूर कर मर्दाना ताक़त बढ़ाने के लिए सूखे हुवे सिंघाड़े को कूट पीसकर चूर्ण बना लें और एक चम्मच खाकर ऊपर से मिश्री मिला हुवा दूध पीना चाहिए, इसे सुबह शाम लें कुछ दिनों में इसका चमत्कारी फ़ायदा दिखेगा

महिलाओं के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है. इसके इस्तेमाल से पीरियड्स की समस्या, ल्यूकोरिया या धात की प्रॉब्लम, गर्भाशय की प्रॉब्लम दूर होती है. कैल्शियम की कमी को पूरा करता है, महिलाओं को होने वाले कमर दर्द को दूर करता है. इसके लिए इसका पाउडर दूध के साथ खाना चाहिए या फिर हलवा बना कर

सूखे हुवे सिंघाड़े के पाउडर को सिंघाड़ा का आटा भी कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है

सिंघारा पाउडर या सिंघाड़े के आटे को घी में भून कर चीनी मिलकर हलवा बनाया जाता है, यह हलवा स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है, जाड़े के इस मौसम में इसे खाने से बहुत फ़ायदा होता है


यह शरीर की गर्मी को शांत करता है, एसिडिटी और पित्त की अधिकता को कम करता है, नाक से खून गिरना या शरीर में कहीं से भी ब्लीडिंग हो तो इस से फ़ायदा होता है

यह एक बेहतरीन पौष्टिक फल है, सूखे सिंघाड़े के पाउडर का हलवा बना कर खाने से दुबले पतले लोगों का स्वस्थ ठीक होता है और वज़न बढ़ जाता है

गले और टोंसिल की प्रॉब्लम से बचने के लिए सिंघाड़ा खाना चाहिए

जिनको घबराहट और दिल की धड़कन तेज़ रहती हो उनको सिंघाड़ा फल ज़रूर खाना चाहिए

यह एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है और शरीर से विषाक्त तत्वों या टोक्सिनस को बाहर निकालता है

सिंघाड़े के छिलके को पीसकर सुजन वाली जगह पर लेप करने से सुजन में फ़ायदा होता है

सिंघाड़ा को निम्बू के रस के साथ पीसकर लेप करने से दाद, खाज खुजली और चर्म रोगों में फ़ायदा होता है

सिंघाड़ा का इस्तेमाल करते हुवे कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए जैसे -

सिंघाड़ा खाकर तुरंत पानी न पियें, अपनी पाचन क्षमता के अनुसार ही खाएं, लगातार इस्तेमाल से वज़न बढ्ता है तो मोटे लोग इसका इस्तेमाल लगातार न करें, कब्ज़ की समस्या हो तो इसका इस्तेमाल न करें.


तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी पानीफल सिंघाड़ा के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में




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