भारत की सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक हिन्दी वेबसाइट लखैपुर डॉट कॉम पर आपका स्वागत है

01 जून 2017

लक्ष्मीविलास रस(नारदीय) के गुण और उपयोग | Laxmi Vilas Ras Benefits & Use in Hindi


लक्ष्मीविलास रस क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो सर्दी, जुकाम, कफ़ में ख़ासकर इस्तेमाल की जाती है. यह शरीर में बल, वीर्य और ओज बढ़ाकर कई तरह की बीमारीओं को दूर करती है. इसके इस्तेमाल से शरीर के अनेकों रोगों के अलावा पुरुष रोग जैसे शीघ्रपतन, वीर्य विकार, नपुंसकता, बीस प्रकार के प्रमेह और अठारह तरह के कुष्ठ रोगों में भी फ़ायदा होता है. तो आईये जानते हैं लक्ष्मीविलास रस के फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -

लक्ष्मीविलास रस को लक्ष्मीविलास रस नारदीय भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दवा का फ़ॉर्मूला नारद मुनि ने बताया था इसीलिए इसे लक्ष्मीविलास रस नारदीय भी कहते हैं

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह रस यानी रसायन औषधि है. जेनेरल्ली रसायन औषधि उसे कहते हैं जिसमे शुद्ध पारा और शुद्ध गंधक का मिश्रण होता है. लक्ष्मीविलास रस के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, अभ्रक भस्म, कपूर, जावित्री, जायफल, विधारा, शुद्ध धतुरा बीज, शुद्ध भांग के बीज, विदारी छाल, शतावर, नागबला, अतिबला, गोखुरू और पान के पत्तों के रस का मिश्रण होता है

इसे पढ़ें- पुष्पधन्वा रस के फ़ायदे 

लक्ष्मीविलास रस के गुणों की बात करें तो यह त्रिदोष नाशक है, इसलिए यह कई तरह के रोगों को दूर करती है

लक्ष्मीविलास रस के फ़ायदे- 

किसी भी दोष के कुपित होने पर इसका इस्तेमाल करने से लाभ होता है
सर्दी, जुकाम, हर तरह की खांसी, सिने की जकड़न, Sinositis, बहुत ज्यादा कफ़ निकलना, इन्फ्लुएंजा जैसे रोगों को दूर करती है

रसायन औषधि होने से शरीर में बल वीर्य को बढ़ाती है जिस से यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन, शुक्राणुओं की कमी, यौनेक्षा की कमी जैसे पुरुष रोग दूर होते हैं

इसे पढ़ें- नज़ला-जुकाम का शर्तिया  घरेलु ईलाज

पेट के रोग, मूत्र संस्थान के रोग, चर्म रोग में फायदेमंद है, शास्त्रों के अनुसार बीस तरह के प्रमेह रोग और 18 तरह के कुष्ठ रोग इस से दूर होते हैं.

अनुभवी आयुर्वेदिक डॉक्टर सही अनुपान और दूसरी दवाओं के इसका सफ़लतापूर्वक प्रयोग करते हैं

लक्ष्मीविलास रस की मात्रा और सेवन विधि -

1 गोली दिन में तीन-चार बार तक रोगानुसार उचित अनुपान के साथ लेना चाहिए. सर्दी-खांसी और जुकाम और बुखार में शहद और पीपल के चूर्ण के साथ ले सकते हैं

वात रोगों में अदरक का रस और शहद के साथ या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए. यह एक रसायन औषधि है इसे डॉक्टर की सलाह से लेना ही बेस्ट है.
लक्ष्मीविलास रस बैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि जैसी कई सारी कंपनियों की ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं निचे दिए लिंक से -

 उच्च गुणवत्ता वाली लक्ष्मीविलास रस ऑनलाइन ख़रीदें हमारे स्टोर से 10 ग्राम सिर्फ़ 55 रुपया में - यहाँ क्लिक करें 





हमारे विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की टीम की सलाह पाने के लिए यहाँ क्लिक करें
Share This Info इस जानकारी को शेयर कीजिए
loading...

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

 
Blog Widget by LinkWithin