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31 जुलाई 2017

हिमालया तगर के फ़ायदे | Himalaya Tagara Benefits Usage & Side Effects


हिमालया तगर टेबलेट  के इस्तेमाल से डिप्रेशन, चिंता, नींद नहीं आना और नर्व की कमज़ोरी जैसे रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं हिमालया तगर टेबलेट  का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

हिमालया तगर टेबलेट  के तगर नाम की बूटी का एक्सट्रेक्ट होता है, इसके हर टेबलेट  में तगर एक्सट्रेक्ट 250 mg होता है. तगर(Valeriana wallichii) को Indian Valerian भी कहा जाता है. इसे कई सारी क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन में भी यूज़ किया जाता है इसकी स्पेशल प्रॉपर्टीज के कारन. 

इसके गुणों की बात करें तो तगर जो है तासीर में गर्म है और वात दोष को कम करती है. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, Anti-depressive, Anticonvulsant, Analgesic, Liver Protective और न्यूरो प्रोटेक्टिव जैसे गुण पाए जाते हैं. चिंता, तनाव और नर्वस सिस्टम के रोगों में असरदार है. 


हिमालया तगर के फ़ायदे-

मानसिक थकान, नींद नहीं आना, डिप्रेशन, चिंता-फ़िक्र करना, और बेचैनी जैसे रोगों में इसका इस्तेमाल करना चाहिए. 

नर्वस सिस्टम की कमजोरी से होने वाले रोग जैसे- मिर्गी या एपिलेप्सी और हिस्टीरिया में भी इस से फ़ायदा होता है. 

यह दिमाग को शांति देता है, अच्छी नींद लाने में मदद करता है. चिंता, डिप्रेशन और चिड-चिड़ापन को दूर कर मूड अच्छा रखने में भी हेल्प करता है. कफ़ दोष को दूर करता है और दर्द में भी राहत देता है.


हिमालया तगर का डोज़-

एक टेबलेट सुबह शाम पानी से भोजन के बाद लेना चाहिए या फिर डॉक्टर की सलाह से. 2-3 हफ्ता तक इस्तेमाल करने पर पूरा फ़ायदा दीखता है, लॉन्ग टाइम तक इसे यूज़ न करें या फिर डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करें. ज़्यादा डोज़ नुकसान भी कर सकता है. BP और नींद की दवा ले रहे हों तो इसका इस्तेमाल न करें. प्रेगनेंसी में भी इसका इस्तेमाल न करें. 

30 जुलाई 2017

गोली वाजिद अली शाह, मर्दाना कमज़ोरी की यूनानी दवा | Goli Wajid Shahi Review in Hindi


इसे गोली वाजिद अली शाह और गोली वाजिद शाही के नाम से भी जाना जाता है. तो आईये जानते हैं इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -  

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है अट्ठारहवीं सदी के बादशाह के नाम पर ही इसका नाम रखा गया है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे

Amber- 10mg
Zafran- 10mg 
Javitri- 20mg 
Jauzuba- 20mg 
Shilajit- 20mg 
Ajwain Khurasani-42mg
Maghze Akhrot -42mg
Tukhme Dhatoora- 42mg
Maghze Kaddu- 42mg
Tukhme Kahu- 42mg
Tukhme Khaskhash- 42mg
Maghze Pambadana- 42mg
Maghze Pista- 42mg
Afiyun- 49mg
Maghze Badam- 84mg
Musli Sembhal- 272mg
Qand- Q.S 

के मिश्रण से टेबलेट या गोली बनाया गया है जो की सुनहरे रंग की या गोल्ड कोटेड होती है. इसके कम्पोजीशन में यौन शक्ति बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों का मिश्रण है पर किसी तरह का भस्म या कुश्ता और सोना चाँदी नहीं है. 


गोली वाजिद अली शाह के फ़ायदे- 

जड़ी-बूटियों से बनी यह गोली मेल बॉडी ओर्गंस को एक्टिवेट करती है. मर्दाना कमज़ोरी को दूर करती है. Premature Ejaculation या जल्द फारिग़ हो जाना, यौनेक्षा की कमी, अनचाहे और अनजाने में वीर्य निकल जाना, लिबिडो की कमी, प्रॉपर इरेक्शन नहीं होना और Satisfaction की कमी जैसी प्रॉब्लम में फ़ायदेमंद है. 

मेल ऑर्गन के मसल्स को मज़बूत बनाकर, ताक़त और स्टैमिना देने में मदद करती है. 

गोली वाजिद शाही का डोज़ -

इसे लेने का तरीका यह है कि एक से दो गोली बिफोर टू आवर बेड एक ग्लास दूध के साथ. इसे खाना खाने के कम से कम दो घंटा बाद ही लें, या फिर जब खाना डाइजेस्ट हो चूका हो तब लेना चाहिए. हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की बीमारी और हार्ट के मरीज़ इसका इस्तेमाल न करें. हमदर्द, शमा, रेक्स रेमेडीज, देहलवी जैसी यूनानी कम्पनी की यह दवा मिल जाती है. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से - 

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29 जुलाई 2017

इन काले बीजों से कछुवे जैसी खोपड़ी पर रीछ जैसे बाल उगायें | 100% Effective Hair Regrowth Remedy


बालों का गिरना आज की लाइफ स्टाइल में बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम है और बहुत ज़्यादा बाल गिर जाने पर आदमी गंजा भी हो जाता है, तो आईये जानते हैं इसका असरदार घरेलु उपचार-

बालों का गिरना रोकने और गंजापन दूर कर दुबारा बाल उगाने के लिए सबसे सस्ता और आसान सा प्रयोग ये है- 

इसके लिए आपको चाहिए होगा कलौंजी या मंग्रेला, जैतून का तेल या Olive Oil और निम्बू 

अब करना यह है कि दो स्पून कलौंजी लेकर तवे या पैन डालकर हल्की आँच में भून लीजिये और ठंडा होने पर मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लीजिये. अब इस पाउडर में आधे निम्बू का रस डालकर जैतून का तेल इतना मिलाना है कि यह पेस्ट बन जाये, बस घरेलु नुस्खा तैय्यार है. 


इस्तेमाल कैसे करना है?

इस पेस्ट को बालों की जड़ों में दस-पंद्रह मिनट तक मालिश करना है और गंजी खोपड़ी पर लगाकर छोड़ देना है. एक घंटे के बाद किसी हर्बल शैम्पू से सर धो लेना है.  

इस तरह से हफ्ते में तीन-चार बार यूज़ करना है, दो-तीन हफ्ते में ही बालों का गिरना रुक जाता है. 30-40 दिनों में नए बाल उगने शुरू हो जाते हैं और धीरे धीरे गंजापन दूर होने लगता है. मैंने कई लोगों पर इसका प्रयोग कराकर अच्छा रिजल्ट देखा है. अगर आपको हेयर फॉल या गंजापन की प्रॉब्लम है तो इसका प्रयोग कर फ़ायदा ले सकते हैं. 



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27 जुलाई 2017

Himalaya Stress Care Benefits | हिमालया स्ट्रेस केयर, चिंता और तनाव की आयुर्वेदिक दवा


स्ट्रेस केयर कैप्सूल हिमालया का एक क्वालिटी प्रोडक्ट है जो आज की भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में होने वाली बहुत ही कॉमन प्रॉब्लम डिप्रेशन, चिंता और तनाव को दूर कर चुस्ती-फुर्ती लाने और एनर्जी बढ़ाने में मदद करता है. तो आईये जानते हैं हिमालया स्ट्रेस केयर का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

स्ट्रेस केयर पूरी तरह से हर्बल प्रोडक्ट है जिसमे च्यवनप्राश, अश्वगंधा, गोटू कोला जैसी जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है. 

इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें च्यवनप्राश, अश्वगंधा, शतावर, गोटू कोला, यष्टिमधु, हरीतकी, कैपर बुश, चिकोरी या कासनी, अडूसा, समुद्रसोख, काली मुसली, तेरी फली, कौंच बीज, जायफल, पीपल, केसर, काला धतुरा, अर्जुन, अजवाइन, मालकांगनी, हल्दी, दालचीनी, लौंग, ब्रिन्जासिफ, बड़ी कसौंदी, झाऊ और जावित्री जैसी जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है. 


हिमालया स्ट्रेस केयर के फ़ायदे- 

जैसा कि इसका नाम है, उस से कहीं बेहतर इसका काम है. स्ट्रेस, चिंता, तनाव को दूर करने और मूड फ़्रेश करने में मदद करता है. 

स्ट्रेस की वजह से नींद कम आना, चिड-चिड़ापन, कंसंट्रेशन की कमी जैसी प्रॉब्लम को दूर करता है.

अश्वगंधा, च्यवनप्राश,गोटू कोला जैसी दवाओं का कॉम्बिनेशन दिमाग को शांति देता है, माइंड और बॉडी को रिलैक्स करता है. स्ट्रेस हॉर्मोन के लेवल को कम कर अच्छी नींद लाने में मदद करता है. Adrenal Gland को पोषण देता है जिस से स्ट्रेस हॉर्मोन Cortisol संतुलित रहता है. 

हिमालया स्ट्रेस केयर न सिर्फ स्ट्रेस मैनेजमेंट की बेहतरीन दवा है बल्कि यह बॉडी को एनर्जी देकर चुस्ती-फुर्ती बढ़ाता है और एक्टिव रहने में मदद करता है. कौंच बीज और अश्वगंधा का मिश्रण यौन कमज़ोरी को भी दूर करने में हेल्प करता है.

Multi-Tasking या बहुत ज़्यादा दिमागी मेहनत करने वाले बिजी लोगों के लिए यह एक अच्छा डेली डाइट सप्लीमेंट भी है जो आपको Physically और Mentally फिट रखता है. 


हिमालया स्ट्रेस केयर का डोज़-

एक से दो कैप्सूल सुबह शाम भोजन के बाद पानी से लेना चाहिए. पूरी तरह से हर्बल दवा है, किसी तरह कोई नुकसान या साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, लॉन्ग टाइम तक यूज़ किया जा सकता है. इसे घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदने के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें -




इसे भी जानिए - 



26 जुलाई 2017

शुक्र वल्लभ रस, शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की औषधि | Shukra Vallabh Ras Benefits


शुक्र वल्लभ रस स्वर्णयुक्त औषधि है जिसे शक्र वल्लभ रस के नाम से भी जाना जाता है. इसके इस्तेमाल से पुरुषों की बहुत ही कॉमन बीमारी Premature Ejaculation और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे पुरुष यौन रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं शुक्र वल्लभ रस का कम्पोजीशन फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -

शुक्र वल्लभ रस जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है यह एक रसायन औषधि है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, लौह भस्म, स्वर्ण भस्म, रौप्य भस्म, अभ्रक भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म, तुगाक्षीरी और विजयाबीज के मिश्रण से बनाया जाता है. सोना, चाँदी, लौह, अभ्रक जैसी औषधियों के मिश्रण से यह दवा बेहद असरदार बन जाती है. 

त्रिदोष पर इसका असर होता है, वात को बैलेंस करता है. पावरफुल यौनशक्ति वर्धक और कामोत्तेजना बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर होता है. 


शुक्र वल्लभ रस के फ़ायदे -

जैसा कि शुरु में ही बताया गया यह शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की बेहद असरदार दवा है.

यह एक नेचुरल यौनशक्ति वर्धक औषधि है जिसके प्रयोग से रोम रोम फड़कने लगता है. शारीरिक कमज़ोरी को दूर करता है और कामशक्ति को बढ़ा देता है. 
शक्ति, स्टैमिना और एनर्जी को बढ़ाता है, ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर प्रॉपर इरेक्शन में मदद करता है.


शुक्र वल्लभ रस की मात्रा और सेवन विधि - 

एक से दो गोली सुबह शाम भोजन के बाद दूध से लेना चाहिए, या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से. इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करना चाहिए. ज़्यादा डोज़ या लॉन्ग टाइम तक यूज़ करने से नुकसान भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह से ही यूज़ करें. 

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25 जुलाई 2017

कुक्कुटाण्डत्वक भस्म(कुश्ता बैज़ा-ए-मुर्ग) के फ़ायदे | Kukkutandatvak Bhasma Benefits & Usage


कैल्शियम की कमी और इसकी वजह से होने वाले रोगों के लिए यह एक असरदार दवा है, इसके इस्तेमाल से हड्डी और जॉइंट के रोग जैसे लो मिनरल डेंसिटी, ऑस्टियोपोरोसिस, Osteoarthritis महिलाओं के रोग जैसे कमर दर्द, ल्यूकोरिया, कमज़ोरी, बार-बार पेशाब होना और नाईट फॉल, कमज़ोरी जैसे पुरुष रोग दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं कि कुक्कुटाण्डत्वक भस्म क्या है, कैसे बनता है और इसके फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

कुक्कुटाण्डत्वक भस्म जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कुक्कुट यानि मुर्गी अंडत्वक मतलब अंडे के छिल्के की भस्म. मतलब यह मुर्गी के अंडे के छिल्के की भस्म होती है. अंडे के शेल या छिल्के को अक्सर फ़ेंक दिया जाता है, पर इसके गुणों को देखते हुवे आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी में इसका इस्तेमाल किया जाता है. यूनानी चिकित्सा पद्धति में इसे 'कुश्ता बैज़ा मुर्ग' के नाम से जाना जाता है. 

कुक्कुटाण्डत्वक भस्म कैसे बनाया जाता है?

देशी मुर्गी के अंडे के छिल्के को चंगेरी के रस या काढे में शोधित करने के बाद गजपुट की अग्नि देकर इसकी भस्म बनाई जाती है. इसकी भस्म सफ़ेद रंग की फाइन पाउडर होती है. 


कुक्कुटाण्डत्वक भस्म के गुण - 

यह लघु, उष्ण और मृदु होता है, टेस्ट में मधुर या स्वीट होता है. कफ़ और वात दोष को बैलेंस करता है. हड्डियाँ, जॉइंट और स्त्री पुरुष के प्रजनन अंग यानि reproductive system पर असर करता है. रसायन, बल्य, शक्तिवर्धक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है. 

कुक्कुटाण्डत्वक भस्म के फ़ायदे - 

कैल्शियम की कमी में इसका इस्तेमाल करना चाहिए. हड्डियों की कमज़ोरी, लो मिनरल डेंसिटी, ऑस्टियोपोरोसिस, Osteoarthritis, जोड़ों का दर्द, रिकेट्स और कमर दर्द जैसे रोगों में असरदार है. 

पुरुषों के वीर्य विकार जैसे स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, मर्दाना कमज़ोरी जैसे रोगों में सहायक औषधियों के साथ लेना चाहिए. 

महिला रोगों जैसे श्वेत प्रदर या ल्युकोरिया, पीरियड्स की प्रॉब्लम में भी असरदार है. 
शरीर की ताक़त को बढ़ाता है, पाचन शक्ति ठीक कर यौनेक्षा बढ़ाने में भी मदद करता है. 


कुक्कुटाण्डत्वक भस्म की मात्रा और सेवन विधि - 

125 mg से 250 mg तक रोज़ दो बार सुबह शाम शहद में मिक्स कर लेना चाहिए. 

ल्यूकोरिया जैसे रोगों में इसे पुष्यानुग चूर्ण के साथ ले सकते हैं, स्वप्नदोष और वीर्य विकार में अश्वागंधादी चूर्ण के साथ, बार-बार पेशाब आने की प्रॉब्लम में चंद्रप्रभा वटी के साथ. या फिर इसी तरह दूसरी दवाओं के साथ आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं. 

यह पूरी तरह से सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. 5-6 महिना या अधीक समय तक भी प्रयोग किया जा सकता है. बैद्यनाथ, डाबर जैसी कई आयुर्वेदिक कम्पनियां इसे बनाती हैं.

कुक्कुटाण्डत्वक भस्म(Kushta Baiza e Murgh) 50 ग्राम सिर्फ़ 100 रुपया में हमारे स्टोर से ख़रीदें ऑनलाइन - यहाँ क्लिक करें 

24 जुलाई 2017

माजून मुक़व्वी मुमसिक, शीघ्रपतन, छूते ही वीर्य निकल जाने की यूनानी दवा | Majun Muqawwi Mumsik Benefits & Use- Lakhaipur.com


यूनानी चिकित्सा पद्धति में इस तरह के कई माजून हैं जो पुरुष रोगों और मर्दाना कमज़ोरी में प्रयोग किये जाते हैं माजून मुक़व्वी मुमसिक उन्ही में से एक है जो हस्तमैथुन के कारन होनी वाली प्रॉब्लम और दुसरे पुरुष रोगों में बेहद असरदार है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

माजून मुक़व्वी मुमसिक जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है माजून या हलवे की तरह की दवा है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें-

Darchini – 0.84%

Mastangi – 0.84%

Jaifal – 0.84%

Bal-chhar – 0.84%

Ude Kham –0.84%

Ajwain Khurasani – 0.84%

Warqul Hinal – 0.84%

Maya Shata Arabi – 1.89%

Koknar – 2.63%

Sha Baloot – 2.52%

Habbul Neel – 2.63%

Amber – 0.42%

Zafran – 0.8%

Qand Safaid – 15.85%

Shahad Khalis – 63.02%

Roghan Badam Oil – 1.0%

Maghz-e-Sarkanjakshak – 0.84%

Zaban Katjasha karan – 0.84% के मिश्रण से बनाई जाती है. 

माजून मुक़व्वी मुमसिक के गुणों की बात करें तो यह कामेक्षा बढ़ाने वाली, यौनशक्ति वर्धक और वीर्यवर्धक गुणों से भरपूर होती है.


माजून मुक़व्वी मुमसिक के फ़ायदे- 

पुरुष रोगों और मर्दाना कमज़ोरी की यह एक असरदार दवा है, इसके इस्तेमाल से लिबिडो की कमी, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वीर्य की कमी, वीर्य का पतलापन, नामर्दी जैसे रोगों में फ़ायदा होता है.

मेल ऑर्गन को ताक़त देती है, ब्लड फ़्लो बढ़ाकर भरपूर जोश देने में मदद करती है. 

हाइपर सेंसिटीविटी जैसे औरत को छूते ही वीर्य निकल जाना, या बात करते हुवे वीर्य निकल जाना जैसी प्रॉब्लम में भी फ़ायदा होता है.

हस्तमैथुन की वजह से होने वाली कमज़ोरी, ढीलापन और तनाव की कमी में भी असरदार है. 


माजून मुक़व्वी मुमसिक का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका -

फौरी फ़ायदे के लिए दो ग्राम इस माजून को खाकर दूध पीना चाहिए बिफोर टू आवर बेड. पूरा लाभ लेने के लिए रोज़ एक ग्राम सोने से पहले लेना चाहिए. लॉन्ग टाइम तक यूज़ किया जा सकता है, ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है. फिर भी डॉक्टर की सलाह से यूज़ करना ही बेस्ट है. 




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23 जुलाई 2017

केश किंग हेयर आयल के फ़ायदे | Kesh King Hair Oil Review in Hindi


केश किंग एक पॉपुलर ब्रांड है जिसका नाम आपने सुना ही होगा, हेयर प्रॉब्लम के लिए यह एक अच्छा आयुर्वेदिक तेल है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

केश किंग आयल SBS Biotech नाम की कम्पनी का आयुर्वेदिक तेल है जो जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें भृंगराज, यष्टिमधु, मंजीठ, रक्त चन्दन, हरीतकी, विभितकी, लोध्र, स्थूलैला, जटामांसी, आँवला, कोला, निम्ब, मदयन्ति, ब्रह्मी और नागकेशर मिलाया गया है और इसे तिल तेल के बेस पर बनाया गया है. 

आँवला, भृंगराज, ब्रह्मी और जटामांसी जैसी जड़ी बूटियां बालों को पोषण देने वाली जानी-मानी औषधियाँ हैं जिसे सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है.


केश किंग हेयर आयल के फ़ायदे - 

केश किंग हेयर आयल बालों की ऑलमोस्ट हर तरह की प्रॉब्लम के लिए असरदार आयुर्वेदिक तेल है. बालों का गिरना कम करता है, बालों को उचित पोषण देकर बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है.

समय से पहले बालों को सफ़ेद होने से बचाता है और सर में रुसी या Dandruff होने से बचाता है. 

लगातार यूज़ करते हुवे इसका पूरा फ़ायदा लिया जा सकता है, पहली शीशी यूज़ करते हुवे ही इसका फ़ायदा आपको दिख सकता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो बालों के लिए यह एक अच्छा तेल है जिसे नार्मल आदमी भी यूज़ कर सकता है. बालों को धोने के बाद बालों की जड़ों में और पुरे बाल में भी इसे लगाना चाहिए. यह हर जगह मिल जाता है, निचे दिए लिंक से ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं. 

21 जुलाई 2017

Himalaya Arjuna Capsule Review | हिमालया अर्जुना कैप्सूल, ह्रदय रोग और ब्लड प्रेशर की आयुर्वेदिक दवा


हिमालया अर्जुना हार्ट के रोगों और ब्लड प्रेशर की जानी-मानी दवा है, इसके इस्तेमाल से दिल की कमज़ोरी, दिल का दर्द, हार्ट बीट ज़्यादा होना, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसे रोग दूर होते हैं. तो आईये जानते हैं हिमालया अर्जुना का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल -

हिमालया अर्जुना कैप्सूल में अर्जुन नाम के पेड़ की छाल का एक्सट्रेक्ट होता है, इसके हर कैप्सूल में अर्जुन छाल का एक्सट्रेक्ट 250 mg होता है. अर्जुन की छाल हार्ट के रोगों के लिए आयुर्वेद की मेन दवा है जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है. अर्जुन एक तरह का बड़ा पेड़ होता है जिसे अंग्रेज़ी में Terminalia Arjuna के नाम से जाना जाता है.

हिमालया अर्जुना कैप्सूल/टेबलेट के गुण - 

अर्जुना कैप्सूल के वही गुण हैं जो अर्जुन की छाल के गुण होते हैं. इसे गुणों की बात करें तो यह ह्रदय को शक्ति देने वाला, कफ़-पित्त नाशक, कार्डियो प्रोटेक्टिव, बेस्ट कार्डियो टॉनिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेंट और मेदहर यानि एंटी ओबेसिटी जैसे गुणों से भरपूर होता है. 


हिमालया अर्जुना कैप्सूल के फ़ायदे-

हार्ट की कमज़ोरी और इससे रिलेटेड रोगों के लिए जड़ी-बूटियों में अर्जुन सबसे बेस्ट दवा है. 

हार्ट की कैसी भी प्रॉब्लम हो तो आँख मूंद कर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, हार्ट की  कमज़ोरी, दिल का दर्द या एनजाइना पेक्टोरिस, दिल की कमज़ोरी की वजह से होने वाली घबराहट, हार्ट बीट ज़्यादा होना, हार्ट के मसल्स कमज़ोर होना, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों में इस से फ़ायदा होता है. 

यह हार्ट वेसेल्स को कड़ा होने, और ब्लड क्लॉट होने से बचाता है, ब्लड सर्कुलेशन को नार्मल करता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह हार्ट के रोगों के लिए चीप एंड बेस्ट मेडिसिन है.


हिमालया अर्जुना का डोज़-

एक से दो कैप्सूल या टेबलेट सुबह खाना खाने के बाद पानी से लेना चाहिए, या फिर डॉक्टर की सलाह के अनुसार डोज़ होना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या  नुकसान नहीं होता है. लॉन्ग टाइम तक यूज़ किया जा सकता है. कब्ज़ हो तो इसका इस्तेमाल न करें, या फिर कब्ज़ दूर करने की दवा लेते हुवे इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे दवा दुकान से या फिर निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं. 

19 जुलाई 2017

नीरी टेबलेट, पत्थरी की आयुर्वेदिक दवा | Neeri Tablet/Syrup Review in Hindi


ऐमिल फार्मा की नीरी नाम की यह पेटेंट आयुर्वेदिक दवा है जो किडनी और ब्लैडर की पत्थरी, किडनी सिस्ट, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, पेशाब की जलन और प्रोस्टेट जैसे रोगों को दूर करती है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

यह पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है जिसमे जड़ी-बूटी, क्षार और भस्मों का मिश्रण है. इसका कम्पोजीशन बेजोड़ है. इसे पाषाणभेद, पलाश पुष्प, श्वेत पर्पटी, अपामार्ग पञ्चांग, वरुण, शुद्ध शिलाजीत, पुनर्नवा, हजरुल यहूद भस्म, सहदेवी, गोखरू, लज्जालु मूल और यावाक्षार का मिश्रण होता है. 

इसमें मिलाई गई पाषाणभेद, श्वेत पर्पटी और हजरुल यहूद भस्म जैसी औषधियां पत्थरी को घुलाकर निकालने की जानी-मानी औषधियां हैं.

नीरी के गुण -

इसके गुणों की बात करें तो यह मूत्रल यानि Diuretic, Alkalizer, Anti-spasmodic, सुजन दूर करने वाली(Anti-inflammatory), एंटी ऑक्सीडेंट और Nephro-protective गुणों से भरपूर होती है.


नीरी टेबलेट/सिरप के फ़ायदे - 

नीरी जो है किडनी, और ब्लैडर की पत्थरी को नेचुरल तरीके से फ्लश कर निकालने की अच्छी दवा है, पत्थरी को दूर करना इसका मेन काम है और मूत्र संक्रमण या UTI को भी दूर करती है.  

पत्थरी और इसकी वजह से होने वाली प्रॉब्लम जैसे दर्द, पेशाब में तकलीफ़, पेशाब की जलन, पेशाब कम आना, पेशाब में खून आना, पेशाब पिला होना जैसी प्रॉब्लम दूर करती है. 

पत्थरी बनने की टेड़ेंसी और पत्थरी के कारण को दूर कर किडनी और ब्लैडर के फंक्शन को सही करती है. 

नीरी के इस्तेमाल से बढ़ा हुआ प्रोस्टेट ग्लैंड और इस से रिलेटेड प्रॉब्लम में भी फ़ायदा होता है. 

नीरी टेबलेट और सिरप दोनों रूप में मिलती है, दोनों के फ़ायदे एक जैसे ही हैं.


नीरी का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका - 

दो टेबलेट रोज़ दो से तीन बार तक, यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए. इसका सिरप एक से दो स्पून रोज़ दो-तिन बार ले सकते हैं. इसे खाना खाने के बाद ही लेना चाहिए इसका यूज़ करते हुवे पानी ख़ूब पीना चाहिए. कम से कम दो-तिन महिना या पत्थरी की साइज़ के अनुसार लॉन्ग टाइम तक भी लिया जा सकता है. इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं.  

18 जुलाई 2017

जवारिश जालीनूस, पेट के रोगों की यूनानी दवा | Jawarish Jalinoos Benefits & Usage


जवारिश जालीनूस हलवे की तरह की दवा है जो पेट के रोगों जैसे गैस्ट्रिक, एसिडिटी, सीने की जलन, खट्टी डकार आना, भूख की कमी और कब्ज़ को दूर करती है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

जवारिश जालीनूस के नुस्खे या कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें बालछड़, तज कलमी, इलायची ख़ुर्द, दारचीनी, क़रनफल, कुलंजन, नागरमोथा, फिल्फिल स्याह, ज़न्जबिल, फिल्फिल दराज़, उदबालसन, मसतंगी, कुश्तशीरीं, असारून, चिरायता शीरीं, तुख्म मोरिद और ज़ाफ़रान सभी को बराबर वज़न में लेकर कूट-पीसकर सफूफ़ बनाने के बाद चीनी और शहद मिक्स कर लिया जाता है.

जवारिश जालीनूस के फ़ायदे-

पेट के रोगों के लिए यह अच्छी दवा है, यह Digestive Enzyme को बढ़ाकर हाजमा ठीक करती है. सिने की जलन, एसिडिटी, खट्टी डकार आना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है. 

इसके इस्तेमाल से Digestion इम्प्रूव होता है, भूख बढ़ती है जिस से सेहत ठीक होती है.

यह पेट और आँतों के मूवमेंट को सही करती है और कब्ज़ को दूर करती है, जिस से बवासीर में भी फ़ायदा होता है.

पेट की ख़राबी की वजह से होने वाली मुँह की बदबू को दूर करती है. 

यह किडनी और ब्लैडर को भी ताक़त देती है, पेशाब की जलन और पेशाब की रुकावट को दूर कर पेशाब साफ़ लाने में मदद करती है. 


जवारिश जालीनूस का इस्तेमाल कैसे करें?

पांच से दस ग्राम तक रोज़ एक बार खाना खाने के बाद पानी के साथ लेना चाहिए. यह बिल्कुल सेफ़ दवा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट या नुकसान नहीं होता है. 

16 जुलाई 2017

त्रयोदशांग गुग्गुलु, जकड़न और वात रोगों की आयुर्वेदिक दवा | Trayodashang Guggulu Benefits & Usage


त्रयोदशांग गुग्गुल क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो वात रोगों में प्रयोग की  जाती है, इसके इस्तेमाल से जकड़न, जोड़ों का दर्द, गठिया, अर्थराइटिस, कमर दर्द, सर्वाइकल Spondylosis, मसल्स का दर्द, साइटिका, पक्षाघात, लकवा और नर्व से रिलेटेड दर्द दूर होते हैं, तो आईये जानते हैं त्रयोदशांग गुग्गुल का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल-

त्रयोदशांग गुग्गुल में शुद्ध गुग्गुल के अलावा कई सारी वात-नाशक जड़ी बूटियों का मिश्रण होता है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें बबूल की छाल, अश्वगंधा, हाऊबेर, गिलोय, शतावर, गोखुरू, काला निशोथ, रास्ना, सौंफ़, कचूर, अजवाइन और सोंठ सभी को बराबर वज़न में लेकर कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बना लिया जाता है और इस चूर्ण के बराबर वज़न में शुद्ध गुग्गुल मिक्स कर इमामदस्ते में ख़ूब कुटाई कर थोड़ा गाय का घी मिक्स कर 500 mg की गोलियाँ बनायी जाती हैं. यही त्रयोदशांग गुग्गुल है. 

त्रयोदशांग गुग्गुल  के गुण - 

यह वातनाशक तो है ही, इसके अलावा सुजन दूर करने वाला(Anti-inflammatory), Anti-arthritic, गठियानाशक(Anti-gout), दर्द निवारक(Analgesic), Muscle Relaxant और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. 


त्रयोदशांग गुग्गुल के फ़ायदे - 

वात रोगों ख़ासकर जिसमे कमज़ोरी और दर्द के साथ जकड़न हो, में लाभकारी है. 
लकवा, पक्षाघात, साइटिका, नर्व का दर्द, अर्थराइटिस, ओस्टोअर्थराइटिस, गठिया, हड्डी का दर्द, मसल्स का दर्द, कमर दर्द, Osteoporosis जैसे रोगों में आयुर्वेदिक डॉक्टर, दूसरी दवाओं के साथ इसका इस्तेमाल करते हैं. 

हड्डियाँ, जॉइंट्स, मसल्स और नर्व या स्नायु से रिलेटेड रोगों के लिए इस्तेमाल करना चाहिए. 

त्रयोदशांग गुग्गुल की मात्रा और सेवन विधि - 

एक से दो गोली सुबह-शाम वात नाशक औषधियों के साथ या फिर डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए. यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है, सही डोज़ में लेने से कोई नुकसान नहीं होता है, अधीक डोज़ लेने पर भूख की कमी और पाचन की समस्या हो सकती है. 


इसे भी जानिए - 

सिंहनाद गुग्गुल 
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हिमालया रुमाल्या 
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औजाई कैप्सूल यूनानी दवा कम्पनी हमदर्द का एक पेटेंट ब्रांड है जो कमर दर्द, घुटनों का दर्द और मांशपेशियों का दर्द या मसल्स पेन जैसे हर तरह के दर्द के लिए एक अच्छी दवा है

साइटिका दूर करे, नर्वस सिस्टम को शक्ति दे 

साइटिका का सफल आयुर्वेदिक नुस्खा 

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15 जुलाई 2017

चरक प्रोस्टीज़, प्रोस्टेट ग्लैंड(BPH) की आयुर्वेदिक दवा | Charak Prosteez Review in Hindi


आयुर्वेदिक कंपनी चरक फार्मा की प्रोस्टीज़ नाम की यह दवा पुरुषों के रोग पौरुष ग्रंथि वृद्धि या प्रोस्टेट ग्लैंड Enlargement और इस से रिलेटेड प्रॉब्लम की आयुर्वेदिक दवा है. प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाने से, पेशाब में दिक्कत होना, पेशाब करने में दर्द होना, बूंद-बूंद पेशाब होना, पेशाब का इन्फेक्शन जैसी हर तरह की प्रॉब्लम को दूर कर प्रोस्टेट को नार्मल करना इसका मेन काम है, तो आईये जानते हैं चरक प्रोस्टीज़ का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

चरक प्रोस्टीज़ पूरी तरह से आयुर्वेदिक दवा है जो जड़ी-बूटियों, खनिज और भस्मों के मिश्रण से बनायी गयी है. इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें सा पलमेटो(Sa palmetto), कंकोल, गिलोय, त्रिफला, वरुण, गोखुरू, सोयाबीन, कांचनार, यशद भस्म और शुद्ध शिलाजीत का मिश्रण होता है. 

इसमें मिलाये जाने वाले सभी घटक अपने गुणों के कारन जाने जाते हैं वरुण, कांचनार, त्रिफला, गिलोय प्रोस्टेट और उसकी प्रॉब्लम को दूर करती है. गोखुरू और शिलाजीत जैसे घटक पेशाब साफ़ लाने और इन्फेक्शन दूर करने में मदद करते हैं. जबकि सा पलमेटो एक तरह छोटे साइज़ के पाम ट्री का विदेशी फल होता है जो प्रोस्टेट के अलावा भी दूसरी बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है. हिंदी में इसे 'क्रकच ताल' कहते हैं. 

चरक प्रोस्टीज़ के गुण- 

प्रोस्टीज़ के गुणों की बात करें तो यह नेचुरल एंटी बायोटिक, एंटी सेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, मूत्रल यानि Diuretic और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है. 


चरक प्रोस्टीज़ के फ़ायदे- 

प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ जाने(BPH) और Prostatitis के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बेहतरीन दवा है.

प्रोस्टेट के साइज़ को कम कर नार्मल करती है और पेशाब की रुकावट, पेशाब की जलन, खुलकर पेशाब नहीं होना, बूंद-बूंद पेशाब होना जैसी प्रॉब्लम को दूर करती है. 

प्रोस्टेट को हेल्दी बनाकर इसके फंक्शन को नार्मल करती है और पेशाब की इन्फेक्शन को दूर करती है. शिलाजीत मिला होने से शारीरिक शक्ति को बढ़ाने में भी मदद करती है.

चरक प्रोस्टीज़ का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका- 

दो टेबलेट सुबह शाम पानी से, इसके साथ में 'गोक्षुरादी गुग्गुल' भी लिया जा सकता है. इसे यूज़ करते हुवे पानी खूब पीना चाहिए. 

यह ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का नुकसान नहीं होता है, हाई BP वाले रोगी BP की दवा लेते हुवे सावधानीपूर्वक इसका इस्तेमाल करें, अगर किसी तरह की प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर की सलाह लें. कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से यूज़ करना ही बेस्ट होता है. प्रोस्टेट के लिए इसे तीन से छह महिना या अधीक समय तक यूज़ कर सकते हैं. 

इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर निचे दिये गए लिंक से घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं - 






इसे भी जानिए - 

प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ने और पेशाब के प्रॉब्लम के लिए हिमालया एक बेहतरीन प्रोडक्ट 

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14 जुलाई 2017

हिमालया त्रिफला कैप्सूल के फ़ायदे | Himalaya Triphala Capsule Review in Hindi


त्रिफला कैप्सूल के वही फ़ायदे हैं जो त्रिफला चूर्ण के होते हैं, हिमालया हर्बल ने इसे कैप्सूल और सिरप के रूप में पेश किया है जिसे खाना बहुत ही आसान है, कई लोग त्रिफला चूर्ण को उसके कसैले टेस्ट की वजह से नहीं खा पाते हैं, त्रिफला चूर्ण का यह अच्छा आप्शन है जिसे आसानी से खाया जा सकता है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

इसके कम्पोजीशन की बात करें तो जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसमें हर्रे बहेड़ा और आँवला का मिश्रण है. 

हिमालया त्रिफला के एक कैप्सूल में हर्रे, बहेड़ा और आँवला प्रत्येक 250 mg का मिश्रण होता है जबकि इसके सिरप के 5 ML में हर्रे, बहेड़ा और आँवला प्रत्येक का एक्सट्रेक्ट 166 mg होता है. 

हिमालया त्रिफला के फ़ायदे- 

कब्ज़ को नेचुरल तरीके से दूर करना इसका मेन काम है, बोवेल मूवमेंट करता है, आँतों की दीवार को नार्मल कर कब्ज़ दूर करने में मदद करता है. 

कब्ज़ नया हो या पुराना, Digestion की प्रॉब्लम, खट्टी डकार आना, कब्ज़ से रिलेटेड रोग जैसे पाइल्स वगैरह के लिए त्रिफला एक जानी मानी औषधि है. 

इसका सबसे बड़ा एडवांटेज यह कि इसकी आदत नहीं पड़ती है, अगर आप कब्ज़ की दूसरी दवा लेंगे तो उसकी आदत पड़ सकती है, पर यह किसी तरह का आदी नहीं बनाता है. 

आँवला मिला होने से विटामिन C की कमी को दूर करता है और बालों का गिरना रोकता है, लगातार इस्तेमाल करते रहने से बालों को टाइम से पहले सफ़ेद होने से बचाता है. 

बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और खून साफ़ करने वाला भी है, स्किन प्रॉब्लम में भी फ़ायदेमंद है. त्रिफला चूर्ण के फ़ायदे की डिटेल जानकारी आप यहाँ पढ़ सकते हैं. 

हिमालया त्रिफला का डोज़- 

एक से दो कैप्सूल सुबह शाम पानी से भोजन के बाद. सिरप लेना हो तो एक से दो स्पून सुबह शाम ले सकते हैं. 

यह बिलकुल सेफ़ दवा है, लॉन्ग टाइम तक लेने से भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या फिर निचे दिए गए लिंक से घर बैठे ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं-  

13 जुलाई 2017

जवाहर मोहरा के गुण और उपयोग | Jawahar Mohra Benefits & Usage


जवाहर मोहरा क्लासिकल आयुर्वेदिक मेडिसिन है जो दिल, दिमाग और नस नाड़ियों को पोषण देती है. दिल के मरीज़ों के यह बेहतरीन दवा है. दिल का ज़्यादा धड़कना, हार्ट फ़ैल, दिल का साइज़ बढ़ जाना और एनजाइना पेक्टोरिस में असरदार है. 

इन सब के अलावा यह न्यूरोलॉजिकल और Psychological रोगों जैसे डिप्रेशन, चिंता, तनाव, नींद नहीं आना, शिज़ोफ्रेनिया, बेचैनी और मानसिक अवसाद में भी लाभकारी है, तो आईये जानते हैं जवाहर मोहरा का कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल- 

जवाहर मोहरा और जहर मोहरा दोनों थोड़ा मिलते जुलते नाम हैं पर दोनों अलग-अलग दवा है, यहाँ मैं बात कर रहा हूँ जवाहर मोहरा की.

जवाहर मोहरा के कम्पोजीशन की बात करें तो इसमें बहुत ही कीमती चीज़ों का मिश्रण होता है, इसमें स्वर्ण भस्म और रजत भस्म एक-एक भाग, कस्तूरी, अम्बर दो-दो भाग, माणिक्य पिष्टी, पन्ना पिष्टी, मोती पिष्टी, कहरवा पिष्टी, आबेरेशम, जदबार प्रत्येक 4-4 भाग, प्रवाल पिष्टी, श्रृंग भस्म, संगेयशब पिष्टी प्रत्येक 8-8 भाग लेकर गुलाब जल में खरल कर सुखाकर रख लिया जाता है. 

जवाहर मोहरा के गुण - 

यह त्रिदोष नाशक है, तासीर में ठंडा, दिल और दिमाग को पोषण देने वाले गुणों से भरपूर होता है. यह एक बेहतरीन Cardio-protective, Antianginal, Anti-hypertensive, Anti-depressive, Antioxidant, Antacid, Calcium Rich और टॉनिक है.

जवाहर मोहरा के फ़ायदे-

जैसा कि शुरू में ही बताया गया है यह दिल, दिमाग के लिए बेहतरीन दवा और टॉनिक है. दिल का दर्द(Angina Pain), दिल का बढ़ जाना(Heart Enlargement), दिल का ज़्यादा धड़कना(Heart Palpitation), Tachycardia जैसे दिल के रोगों के लिए यह बेस्ट दवा है. यह दिल के मसल्स को ताक़त देती है और दिल के फंक्शन को नार्मल करती है.


  • मानसिक रोग जैसे - चिंता, तनाव, डिप्रेशन, मानसिक थकान, मेमोरी लॉस, नींद नहीं आना, Schizophrenia, ज़रा सी बात पर इमोशनल हो जाना(Emotional Trauma) जैसे रोगों में बेहद असरदार है. 



  • चिडचिडापन, ज़रा सी बात पर गुस्सा हो जाना, बहुत ज्यादा सोचना और चिंता करना, दिमाग शांत नहीं होना जैसी प्रॉब्लम भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. 



  • यह बेहतरीन Antacid भी है, एसिडिटी, अल्सर को दूर करता है. पाचन शक्ति को ठीक करता है. 



  • इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है, इसमें Anticancer गुण भी है. 


सोना, चाँदी, मोती, माणिक्य जैसे चीज़ों से बनी यह दवा महँगी तो है पर बेहद असरदार भी है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह दिल दिमाग के रोगों के लिए बेस्ट दवाओं में से एक है. 

जवाहर मोहरा की मात्रा और सेवन विधि- 

125 mg से 250 mg तक सुबह शाम भोजन के बाद. यह व्यस्क व्यक्ति की मात्रा है. बच्चे और बूढों को कम डोज़ में देना चाहिए.

हार्ट के रोगों में अर्जुन की छाल के चूर्ण के साथ शहद में मिक्स कर. मानसिक रोगों में अश्वगंधा चूर्ण के साथ लेना चाहिए. या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से. हमदर्द, बैद्यनाथ, डाबर जैसी कंपनियां इसे बनाती हैं. जवाहर मोहरा बैद्यनाथ कंपनी का जवाहर मोहरा नंबर - 1 के नाम से मिलता है. इसे आयुर्वेदिक दवा दुकान से या फिर यहाँ निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन ख़रीद सकते हैं-

11 जुलाई 2017

हिमालया मेनोसन, रजोनिवृति(Menopause) की आयुर्वेदिक दवा | Himalaya Menosan Review in Hindi


हिमालया मेनोसन महिलाओं के रजोनिवृति या मेनोपॉज के दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने की एक बेहतरीन दवा है, तो आईये जानते हैं इसका कम्पोजीशन, फ़ायदे और इस्तेमाल की पूरी डिटेल - 

मेनोसन Completely हर्बल दवा है इसमें अशोक की छाल, शतावर, कुक्कुटाण्डत्वक भस्म, जहरमोहरा भस्म, हरीतकी, बला, यष्टिमधु और मंडूकपर्णी का मिश्रण होता है. 

अशोक की छाल स्त्री रोगों के बहुत ही पोपुलर औषधि है, शतावर अपने पोषक गुणों के कारन जानी जाती है. कुक्कुटाण्डत्वक भस्म कैल्शियम रिच है और मंडूकपर्णी मूड को ठीक रखने और मानसिक शांति के काम आती है. कुल मिलाकर इसका कम्पोजीशन बहुत ही अच्छा है. 

हिमालया मेनोसन के गुण- 

इसके गुणों की बात करें  तो यह एस्ट्रोजेनिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी ऑक्सीडेंट, न्यूरोप्रोटेक्टिव, विटामिन और कैल्शियम रिच होता है. 

हिमालया मेनोसन के फ़ायदे- 

रजोनिवृति या मेनोपौज़ के समय होने वाली परेशानियों के लिए यह एक बेहतरीन दवा है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करती है.

मेनोपौज़ के टाइम होने वाले हार्मोनल Imbalance और हार्मोनल चेंज को सही करता है और मेनोपौज़ की परेशानियाँ जैसे नींद नहीं आना, मूड ख़राब होना, चिडचिडापन, पीठ में दर्द, डिप्रेशन, वैजीनल ड्राईनेस, अधीक पसीना आना ख़ासकर रात में और गर्मी को दूर करता है.

कैल्शियम की कमी और हड्डियों को कमज़ोर होने से बचाता है. मेनोपौज़ के बाद Osteoporosis और हार्ट के रोग होने से बचाता है. कुल मिलाकर देखा जाये तो यह मेनोपौज़ मैनेजमेंट की बेस्ट दवा है. 

हिमालया मेनोसन का डोज़ - 

एक टेबलेट सुबह शाम पानी से भोजन के बाद लेना चाहिए, इसे लॉन्ग टाइम तक यूज़ किया जा सकता है, ऑलमोस्ट सेफ़ दवा है किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. मेडिकल स्टोर से या फिर यहाँ निचे दिए गए लिंक से ऑनलाइन खरीद सकते हैं- 

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