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22 अक्तूबर 2018

Dhatri Lauh Benefits | धात्री लौह के फ़ायदे


यह आयुर्वेद की पॉपुलर दवाओं में से एक है जो पेट की कई तरह की बीमारियों को दूर करती है, तो आईये जानते हैं धात्री लौह का कम्पोजीशन, बनाने की विधि, इसके गुण और उपयोग के बारे में विस्तार से - 

धात्री लौह का कम्पोजीशन -

यह एक लौह भस्म प्रधान दवा है, इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे बनाने के लिए चाहिए होता है मुलेठी चूर्ण एक भाग, लौह भस्म दो भाग और आँवले का चूर्ण चार भाग. मुलेठी और आँवले का बारीक कपड़छन चूर्ण होना चाहिए. 

सभी को अछी तरह से खरल कर ताज़े गिलोय के रस की दो-तीन भावना देकर 500mg की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. कुछ कंपनियां इसका टेबलेट बनाती है तो कुछ इसे पाउडर फॉर्म में ही रखती हैं. यह बना-बनाया मार्केट में मिल जाता है. 

धात्री लौह की मात्रा और सेवन विधि - एक से दो गोली तक खाना से पह ले या बाद में घी या शहद के साथ लेना चाहिए.

धात्री लौह के फ़ायदे -

खाना खाने के बाद पेट दर्द होना, खाने पचने टाइम पेट दर्द होना, सिने की जलन, खट्टी डकार, एसिडिटी, अपच और कब्ज़ जैसी बीमारीओं में यह बेहद असरदार है.

लौह भस्म मिला होने से खून की कमी या एनीमिया और जौंडिस में भी इस से फ़ायदा होता है. 

इस से पाचन शक्ति ठीक होती है और सफ़ेद हुवे बालों को काला करने में हेल्प करता है.

बच्चों के लिए भी फ़ायदेमन्द है अगर सही डोज़ में दिया जाये. इसका लगातार इस्तेमाल करने से कमज़ोरी दूर होती है और इम्युनिटी पॉवर भी बढ़ती है. इसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं निचे दिए लिंक से -




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