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23 अक्तूबर 2021

Pushkarmuladi Guggul | पुष्करमूलादि गुग्गुल

 


पुष्करमूलादि गुग्गुल के घटक और निर्माण विधि 

पुष्करमूल 300 ग्राम, वायविडंग 100 ग्राम और त्रिफला 100 ग्राम लेकर बारीक चूर्ण बनाकर इसमें 500 ग्राम शोधित गुग्गुल मिलाकर अच्छी तरह से कूटकर 500 mg की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें

पुष्करमूलादि गुग्गुल की मात्रा और सेवन विधि 

दो-दो गोली रोज़ दो से तीन बार तक 

पुष्करमूलादि गुग्गुल के फ़ायदे 

कोलेस्ट्रॉल वृद्धि और मेद वृद्धि नाशक है. कोलेस्ट्रॉल कितना भी क्यूँ न बढ़ा हुआ हो, इसके सेवन से धीरे-धीरे नार्मल हो जाता है.

इसके सेवन से बढ़ा हुआ वज़न भी कम जाता है और मोटापा दूर होता है. 





08 अक्तूबर 2021

हिंगु कर्पुर वटी | Hingu Karpur Vati

 


हिंगु कर्पुर वटी के घटक या कम्पोजीशन 

इसके निर्माण के लिए सिर्फ़ तीन चीज़ चाहिए होती है, शुद्ध हीरा हींग और कपूर समान भाग और असली शहद थोड़ी मात्रा में 

हिंगु कर्पुर वटी निर्माण विधि 

कपूर और हींग को खरल में घोंटकर इतना शहद मिलाएं कि गोली बनाने लायक हो जाये. अच्छी तरह से खरलकर एक-एक रत्ती की गोलियाँ बनाकर सुखाकर रख लें. बस यही हिंगु कर्पुर वटी है. 

हिंगु कर्पुर वटी की मात्रा और सेवन विधि 

एक से दो गोली तक पानी, शहद या अदरक के रस के साथ 

हिंगु कर्पुर वटी के फ़ायदे 

यह पेट के बीमारियों की बेहतरीन दवा है. आदरणीय वैद्य गोपालशरण जी का यह अनुभूत योग है, उनके अनुसार हिंगु कर्पुर वटी अनेक उदर विकारों की श्रेष्ठ औषधि  है. आध्यमान, उदरशूल, अतिसार की अवस्था में श्रेष्ठ कार्यकर है. यदि इसमें चौथाई भाग शुद्ध अहिफेन मिला दिया जाए तो यह अत्यन्त उपयोगी औषधि हो जाती है. विशुचिका, अपस्मार, योषापस्मार, उन्माद, प्रलाप और अनिद्रा इत्यादि रोगों में भी इसका उपयोग विशेष गुणकारी है. 

चिकित्सकगण इसका उपयोग कर परिणाम से मुझे भी अवगत कराएँ. 


हींग के फ़ायदे