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10 जुलाई 2023

Chandraprabha Vati | chandraprabha vati ke fayde | चन्द्रप्रभा वटी के टॉप टेन फ़ायदे

chandraprabha vati benefits


यह एक क्लासिक आयुर्वेदिक मेडिसिन है जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है- 

चन्द्रप्रभा वटी 

चन्द्र का मतलब है चाँद और प्रभा का मतलब होता है चमक या ग्लो यानी मून ग्लो लाइट और वटी का मतलब होता है गोली या टेबलेट 

शारंगधर संहिता और भैषज्य रत्नावली नाम की आयुर्वेदिक ग्रन्थ में इसका वर्णन मिलता है. 


सबसे पहले जानते हैं इसके टॉप 10 बेनेफिट्स आसान भषा में और इसके बाद जानेंगे कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसके क्या क्या फ़ायदे बताये गए हैं.

1) Urinary tract health

पेशाब की बीमारियों के लिए यह काफी पोपुलर है, यह न सिर्फ यूरिनरी सिस्टम को हेल्दी बनाती है बल्कि बार-बार पेशाब आना, पेशाब की जलन और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जैसी समस्या को दूर करती है. 

2) Kidney Function

किडनी या गुर्दे को हेल्दी रखने में यह असरदार है. शरीर की गन्दगी को बाहर निकालती और किडनी फंक्शन को दुरुस्त रखती है.

3) Bladder Support

यह हर्बल फॉर्मूलेशन मूत्राशय के स्वास्थ्य को बनाए रखने और मूत्राशय से संबंधित समस्याओं को कम करने में सहायता करता है.

4) Reproductive Health

चंद्रप्रभा वटी का उपयोग अक्सर पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है. यह लेडीज के पीरियड साइकिल को सुचारू करती है और पीरियड रिलेटेड प्रोब्लेम्स को दूर करने में मदद करती है. जबकि पुरुषों के वीर्य विकार, नाईट फॉल, धत गिरना जैसी समस्या को दूर करने में सहायक है.

5) Prostate Health

प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़ी सभी समस्याओं के लिए काफी पॉपुलर है, प्रोस्टेट को स्वस्थ रखने में यह असरदार है. बढ़े हुए प्रोस्टेट ग्लैंड को नार्मल करने के लिए इसका यूज़ करना ही चाहिए. 

6) Digestive Support

ऐसा माना जाता है कि यह पाचन में सहायता करती है. चंद्रप्रभा वटी पाचन संबंधी परेशानी को दूर करने और उचित पोषक तत्व अवशोषण में सहायता कर सकती है. 

7) Joint Health

इस हर्बल फॉर्मूलेशन का उपयोग अक्सर जॉइंट हेल्थ को सपोर्ट करने और जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है. 

8) Energy And Vitality

माना जाता है कि चंद्रप्रभा वटी ऊर्जा के स्तर को बढ़ाती है और समग्र जीवनी शक्ति को बढ़ावा देती है.

9) Blood Sugar Balance

हेल्दी ब्लड शुगर लेवल बनाये रखने में भी चन्द्रप्रभा वटी सहायक है. इसलिए इसे डायबिटीज के मरीज़ भी यूज़ कर सकते हैं.

10) Detoxification

यह बॉडी से Toxins और अपशिष्ट पदार्थों को निकालती है यानी कि Detoxifying में मदद करती है. 

तो यह थे चंद्रप्रभा वटी के टॉप 10 फ़ायदे. 

आयुर्वेद में इसके क्या क्या फ़ायदे बताये गए हैं?

यह वात, पित्त और कफ़ तीनों दोषों को बैलेंस करती है तो यह हर तरह की सभी बीमारियों में असरदार है. आयुर्वेद में इसे योगवाही भी कहा गया है. योगवाही का मतलब यह होता है कि इसे किसी भी दवा या चीज़ के साथ मिलाकर खाने से यह उस चीज़ का पॉवर बढ़ा देती है.

शारंगधर संहिता के मूल श्लोक को यदि आप पढ़ें तो यह इन सब बीमारियों को दूर करती है -

प्रमेह यानी मधुमेह या डायबिटीज 

पेशाब की तकलीफ, पेशाब का इन्फेक्शन, पेशाब की रुकावट, कब्ज़, गैस-पेट फूलना, पेट दर्द, ट्यूमर, Fibroid, सिस्ट, कैंसर, हर्निया, एनीमिया, जौंडिस, लिवर सिरोसिस, कमर दर्द, दमा या अस्थमा, सर्दी जुकाम, एक्जिमा, बवासीर, खुजली, तिल्ली बढ़ना, फिशर, दांत की बीमारी, आँख की बीमारी, महिलाओं की पीरियड प्रॉब्लम, पुरुषों का वीर्य विकार, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, धात, कमजोरी, प्रोस्टेट, पाचन शक्ति की कमजोरी और अरुचि यानी खाने की इच्छा नहीं होना इत्यादि.

वैद्यगण इसे किडनी स्टोन, किडनी फेलियर, Chronic Kidney Disorder, Proteinurea, GFR और fallopian tube की ब्लॉकेज इत्यादि में भी इसका यूज़ करवाते हैं.

इसे कब और कितना यूज़ करें?

 इसे आप रोज़ दो से 6 गोली तक यूज़ कर सकते हैं. आपकी प्रॉब्लम और बॉडी कंडीशन के अनुसार ही इसका डोज़ लेना चाहिए. इसका नार्मल डोज़ दो गोली सुबह-शाम है. इसे लम्बे समय तक भी यूज़ कर सकते हैं. प्रोस्टेट जैसी समस्या में इसे कम से कम 6 महीने तक भी लेना पड़ सकता है. 

अंग्रेज़ी दवा ले रहे हैं तो इसका यूज़ कर सकते हैं?

हाँ बिल्कुल इसका यूज़ कर सकते हैं, अंग्रेजी दवा और इसके बीच में कम से कम 30 मिनट का गैप रखें.

क्या होम्योपैथिक दवा लेते हुए इसका यूज़ कर सकते हैं?

हाँ, बिल्कुल यूज़ कर सकते हैं. होमियो दवा के साथ यह किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं करती है.

हमेशा इसे स्थानीय वैद्य जी की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए. कम डोज़ लेने से वांछित लाभ नहीं मिलेगा और ज़्यादा डोज़ होने से पेट अपसेट भी हो सकता है. 

चन्द्रप्रभा वटी के साइड इफेक्ट्स 

यह ऐसी हर्बल दवा है जो सदियों से यूज़ की जा रही है जो पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है. इसमें गुग्गुल, शिलाजीत, लौह भस्म, स्वर्णमाक्षिक भस्म जैसी चीज़ मिली होती है, यदि आपको इनमे से किसी चीज़ एलर्जी है तो इसका ध्यान रखते हुए यूज़ करना चाहिए. 

आवश्यक मात्रा से ज़्यादा डोज़ लेने से पेट की गड़बड़ी हो सकती है. 

सबसे बेस्ट चन्द्रप्रभा वटी कौन सी है? 

चूँकि मुझे यह दवा बनाने का काफ़ी अनुभव रहा है तो मैं कह सकता हूँ कि जो दिखने में पूरी तरह से काली टेबलेट हो तो वह बेस्ट है. बेस्ट वाली चन्द्रप्रभा वटी के 50 ग्राम के पैक की क़ीमत है 275 रुपया आज की तारीख में, जिसे ऑनलाइन ख़रीदने का लिंक डिस्क्रिप्शन में दिया गया है. 

और अब अंत में जान लेते हैं चन्द्रप्रभा वटी के घटक यानि कम्पोजीशन और निर्माण विधि के बारे में - 

इसके लिए आपको ये सब चाहिए होगा - 

कपूरकचरी, बच, नागरमोथा, चिरायता, गिलोय, देवदारु, हल्दी, अतीस, दारू-हल्दी, चित्रकमूल छाल, धनियाँ, बड़ी हर्रे, बहेड़ा, आंवला, चव्य, वायविडंग, गजपीपल, छोटी पीपल, सोंठ, काली मिर्च, स्वर्णमाक्षिक भस्म, सज्जी खार, यवक्षार, सेंधा नमक, सोंचर नमक, सांभर नमक, छोटी ईलायची के बीज, कबाबचीनी, गोखुरू और सफ़ेद चन्दन प्रत्येक 5-5 ग्राम  

निशोथ, दन्तिमूल, तेज़पात, दालचीनी, बड़ी इलायची, और बंशलोचन प्रत्येक 20-20 ग्राम

लौह भस्म 40 ग्राम, मिश्री 80 ग्राम, शुद्ध शिलाजीत और शुद्ध गुगुल प्रत्येक 160 ग्राम. 

सभी जड़ी बूटियों का बारीक कपड़छन चूर्ण बना लें और गुगुल को इमामदस्ते में कूटें जब गुगुल नर्म हो जाये तो शिलाजीत, भस्म और जड़ी-बूटियों का चूर्ण मिला कर गिलोय के रस में तिन दिनों तक खरल में डाल कर मर्दन करना चाहिए. और इसके बाद 500 मिलीग्राम की गोलियां बना कर सुखा कर रख लें. 

चन्द्रप्रभा वटी के बारे में कुछ और जानना चाहते हैं तो कमेंट कर पूछ सकते हैं. 

विडियो में यहाँ देखिये