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28 फ़रवरी 2017

दुबलापन दूर कर शरीर को पुष्ट करने वाला घरेलु उपाय | How to Gain Weight & Become Healthy


आज की जानकारी उन लोगों के लिए बड़े काम की है जो लोग अपना दुबलापन दूर कर हेल्थ इम्प्रूव करना चाहते हैं

मोटा होने के लिए लोग तरह तरह की दवा ट्राई करते हैं, जिस से कुछ लोगों को तो फायदा होता है और साइड इफ़ेक्ट की वजह से नुकसान भी होते हैं जिसकी वजह से लेने के देने पड़ जाते हैं

आज मैं बता रहा हूँ आसान सा घरेलु प्रयोग जिसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है और बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के इस्तेमाल कर लाभ ले सकते हैं

दुबलापन दूर करने वाला स्वादिष्ट हलवा - 

इसके लिए आपको चाहिए होगा छुहारा गुठली निकाला हुवा 250 ग्राम, चिलगोज़ा की गिरी 50 ग्राम, बादाम 50 ग्राम, भुने हुवे चने का पाउडर, सूजी, चीनी और गाय का घी प्रत्येक 250 ग्राम, गाय का दूध 2 लीटर 

आईये अब जानते हैं इसे बनाने का प्रोसेस-

छुहारे को दूध में डालकर उबालना है, जब अच्छी तरह से उबल जाये तो मिक्सी में डाल कर पिस लें, इसके बाद बचा हुआ दूध मिलाकर उबाल कर खोया जैसा बना लेना है 

अब घी को कड़ाही में डाल कर सूजी को सुनहरा होने तक भूने, जब सूजी भुन जाये तो भुने चने का पाउडर और छुहारे वाला खोवा मिलाकर सुगंध आने तक भूनें

इसके बाद चीनी मिला लेना है और सबसे लास्ट में बादाम और चिलगोज़ा क़तर कर मिला लेना है, बस स्वादिष्ट हलवा तैयार है 



इस हलवे को रोज़ एक बार 50-60 ग्राम खाकर गर्म दूध पीना है 

लगातार कुछ दिनों तक इसका इस्तेमाल करने से दुबले पतले लोगों का शरीर हेल्दी हो जाता है 

शारीरिक और मानसिक कमज़ोरी दूर होती है, बल बढ़ता है और शरीर पुष्ट हो जाता है 

नौजवान लड़के जो सेहत बनाने के लिए तरह तरह के प्रोटीन और विटामिन्स का इस्तेमाल करते हैं उनके लिए यह एक अच्छा योग है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करता है 

तो दोस्तों, थोड़ी सी मेहनत से इसे घर पर बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं और कमजोरी और दुबलापन दूर कर सकते हैं




27 फ़रवरी 2017

मन्मथ रस शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की आयुर्वेदिक दवा | Manmath Ras for Erectile Dysfunction and Premature Ejaculation


मन्मथ रस एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा जो ख़ासकर पुरुषों के यौन रोगों को दूर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है 

यह एक रसायन औषधि है जो शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, भस्मों और जड़ी बूटियों के मिश्रण से बनायी जाती है 

रसायन औषधि को आयुर्वेद में शार्ट में 'रस' कहते हैं और मन्मथ प्रेम के देवता 'कामदेव' का एक नाम है, इस औषधि को उन्ही का एक नाम दिया गया है 'मन्मथ रस'

इसके गुण की बात करें तो यह शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाला,बाजिकारक, स्तम्भन शक्ति बढ़ाने वाला, नसों की कमजोरी दूर करने वाला और यौनेक्षा बढ़ाने वाला है 

एक नज़र डाल लेते हैं इसके कम्पोजीशन पर- 

इसे  शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, वंग भस्म, ताम्र भस्म, कपूर के अलावा कौंच बीज, तालमखाना, विधारा, शतावर, विदारीकन्द, अतिस, जावित्री, जायफल, बला मूल, जीरा, लौंग, अजवाइन, शुद्ध भांग बीज और सफेद राल के मिश्रण से बनाया जाता है, यह गोली या टेबलेट के रूप में होता है 

इतनी सारी जड़ी-बूटी, भस्मों और शुद्ध पारा और गंधक के मिश्रण से यह दवा पावरफुल रसायन बन जाती है 



आईये अब जानते हैं मन्मथ रस के फ़ायदे- 

इसके इस्तेमाल से शारीरिक बल और यौन शक्ति बढ़ती है, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, Impotency, वीर्य वाहिनी नाड़ीयों की कमज़ोरी, वीर्य का पानी की तरह पतला होना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है 

मन्मथ रस के इस्तेमाल से पुरुष प्रजनन अंगो को ताक़त मिलती है और कामेक्षा को बढ़ाता है 

वीर्य को गाढ़ा करता है, स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी को सुधारता है, लिंग का ढीलापन और छाले को दूर करता है 

शरीर की खून की कमी को दूर करता है, शरीर को प्रयाप्त पोषण देकर हेल्थ इम्प्रूव करता है 



मन्मथ रस की मात्रा और सेवन विधि- 

1 गोली दिन में 2 बार भोजन के बाद औटाये हुवे गाढे दूध के साथ लेना चाहिए
इसे डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए 

डाबर, बैद्यनाथ जैसी कंपनियों का आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाता है, इसे ऑनलाइन भी ख़रीदा जा सकता है. मन्मथ रस ऑनलाइन ख़रीदें




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26 फ़रवरी 2017

शराब छुड़ाने का चमत्कारी नुस्खा | How to get rid of alcohol?


आज मैं बताऊंगा शराब छुड़ाने के कुछ आसान से घरेलु प्रयोग के बारे में

जी हाँ दोस्तों, कई लोगों ने रिक्वेस्ट किया था कि इसके बारे में मैं कुछ बताऊँ

तम्बाकू, गुटखा से छूटकारा पाने का घरेलु उपाय मैं पहले ही बता चूका हूँ जिस से अनेकों लोगों को फायदा हुआ है

शराब छोड़ने के लिए कुछ लोग इच्छुक होते हैं लेकिन वो मानते हैं कि उनकी कमज़ोर इच्छाशक्ति के चलते वे शराब नहीं छोड़ पा रहे हैं तो ऐसी कंडीशन में उनको यहाँ बताये गए घरेलु प्रयोग का इस्तेमाल करना चाहिए

प्रयोग नंबर - 1 

इसके लिए आपको चाहिए होगी शिमला मिर्च, हरी वाली शिमला मिर्च(Capsicum) लेकर जूसर में डालकर इसका जूस निकाल लेना है 

और आधा कप इस जूस को रोज़ दो बार नाश्ता और खाने के बाद पीना है 

इस जूस का इस्तेमाल लगातार कुछ दिनों तक करने से शराब की तलब कमने लगती है और कुछ दिनों में आप खुद शराब पिने से इनकार कर देंगे चाहे कोई कितना भी फ़ोर्स क्यों न करे 

यह पूरी तरह से सुरक्षित नुस्खा है, किसी तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है 



प्रयोग नंबर - 2 

शुद्ध गंधक का तेज़ाब या सल्फ्यूरिक एसिड के इस्तेमाल से भी शराब छोड़ने में मदद मिलती है 

इसे इस्तेमाल कैसे करना है?

जब भी आप शराब पीते हों तो शराब में 1-2 ड्राप सल्फ्यूरिक एसिड मिलाकर पियें. 
ऐसा करने से कुछ ही दिनों में शराब पिने की इच्छा कम होने लगती है और शराब से अरुचि हो जाती है और आप शराब पीना छोड़ देते हैं 

ध्यान रहे सल्फ्यूरिक एसिड के साइड इफ़ेक्ट भी है, इसे कम मात्रा में इस्तेमाल करें और इसका प्रयोग करते हुवे पौष्टिक भोजन लेना चाहिए 

प्रयोग नंबर - 3 




तीसरा नुस्खा थोड़ा अलग है जो मैं यहाँ नहीं बताऊंगा, मेरे ख्याल से बताया गया दो फ़ार्मूला ही काफी है शराब छोड़ने के लिए, रेयर केस अगर इनसे फ़ायदा न हो तो प्रयोग नंबर- 3 के लिए मुझे पर्सनली मेसेज कर सकते हैं




25 फ़रवरी 2017

मकरध्वज वटी के फ़ायदे, मकरध्वज, सिद्ध मकरध्वज निर्माण विधि | Makardhwaj, Sidh Makardhwaj,Makardhwaj Vati Benefits


मकरध्वज के बारे में सभी लोग जानते हैं कि यह ताक़त बढ़ाने वाली दवा है और इसके इस्तेमाल से हर तरह की बीमारी दूर होती है

यह हार्ट और नर्वस सिस्टम पर बहुत जल्दी असर करता है, मकरध्वज के इस्तेमाल से शरीर का वज़न बढ़ता है

बल वीर्य बढ़ाने, शीघ्रपतन, नपुंसकता नामर्दी दूर करने के लिए यह बेस्ट दवा है
आईये सबसे सबसे पहले जानते हैं कि मकरध्वज है क्या चीज़ और मकरध्वज किसे कहते हैं ?

पारा का नाम आपने सुना होगा, इसे अंग्रेजी में Mercury कहते हैं, पारा का आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान है 

पारा को आयुर्वेदिक प्रोसेस से शुद्ध करने के बाद इस्तेमाल किया जाता है, कच्चा पारा बहुत ही नुकसानदायक होता, जबकि शुद्ध करने के बाद यह रसायन बन जाता है
शुद्ध पारा और शुद्ध गंधक में सोने का वर्क मिलाकर बालुका यंत्र में तीव्र अग्नि देने के बाद मकरध्वज का निर्माण होता है 

रस सिन्दूर में स्वर्ण भस्म या सोने का वर्क मिलाने पर भी मिश्रण को मकरध्वज कहा जाता है 
अब आप सोच रहे होंगे कि रस सिन्दूर क्या है? 

यहाँ मैं बता देना चाहूँगा कि रस सिन्दूर का रिश्ता उस सिन्दूर से दूर-दूर तक नहीं है जिसे महिलाएं अपनी माँग में डालती हैं, इसीलिए कंफ्यूज न हों 

शुद्ध पारा और शुद्ध गंधक को जब आयुर्वेदिक प्रोसेस से  बालुका यन्त्र में अग्नि दिया जाता है तो उसके बाद प्राप्त होने वाला पदार्थ रस सिन्दूर कहलाता है 

रस सिन्दूर भी एक चमत्कारी औषधि है जिसे आयुर्वेदिक चिकित्सक सफलतापूर्वक प्रयोग करते हैं

असली मकरध्वज क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है?

यहाँ मैं बता रहा हूँ रस तरंगिणी में बताया गया मकरध्वज बनाने का तरीका -

सोने का वर्क 10 ग्राम, शुद्ध पारा 80 ग्राम और शुद्ध गंधक 160 ग्राम ले लीजिये 

अब शुद्ध पारा को खरल में डालकर उसमे थोड़ा-थोड़ा सोने का वर्क मिलाते हुवे घोटें, जब पूरा सोने का वर्क घुट जाये तो थोड़ा-थोड़ा शुद्ध गंधक मिलाकर घोटना चाहिए 

सब मिल जाने के बाद रोज़ 6-7 घंटा 7-8 दिनों तक घोटना है, इसके बाद ग्वारपाठा का रस ताज़ा निकाल कर इसे मिलकर घुटाई करें और फिर लाल कपास के फूल के रस में  भी घोटना है 

इसी तरह से 1-2 दिन तक ग्वारपाठा और लाल कपास के फूल के रस में  घोटने के बाद सुखा कर सात बार कपरौटी की हुयी आतशी शीशी में भरकर बालुका यंत्र में रखकर 24 घंटे तक मृदु, मध्य और तीव्र आँच देना है
पूरी तरह से ठंडा होने पर शीशी के गले में लगा हुवा लाल मकरध्वज निकाल कर रख लिया जाता है 

जबकि शीशी के तली में मिलने वाला सोने का भस्म को अलग काम में यूज़ किया जाता है 
तो यह है मकरध्वज बनाने का आयुर्वेदिक प्रोसेस 

असली मकरध्वज की पहचान - 

जो मकरध्वज कड़ा न हो, अंगुली से हल्का दबाने पर ही टूट जाये, जिसका चूर्ण रवेदार हो, चमकदार और स्मूथ दीखता हो वही असली और बेस्ट मकरध्वज होता है 

पिछले एक विडियो में मैंने बताया था दिव्य मकरध्वज के बारे में, दिव्य वाले तो इसे पिसा हुवा पैक करते हैं, जबकि बैद्यनाथ का रवेदार यानि क्रिस्टल की तरह मिलता है 

आईये अब जानते हैं कि सिद्ध मकरध्वज क्या है ?

अभी जो मैंने मकरध्वज का प्रोसेस बताया है उसमे सोने का वर्क 10 ग्राम लेने को कहा है, अगर सोने के वर्क को 40 ग्राम लिया जाये और बाकी चीज़ और प्रोसेस सेम हो तो इसके बाद तैयार होने वाला मकरध्वज सिद्ध मकरध्वज कहलाता है 

शास्त्रों के अनुसार सबसे पहले भगवान शंकर ने इसे बनाकर सिद्धों को इसका सेवन करवाया था, इसीलिए इसे सिद्ध मकरध्वज कहा जाने लगा 

यह सबसे बेस्ट महौषधि है, इसके जैसे सर्व-रोगनाशिनी यानि सारी बीमारियों को दूर करने वाली दवा दुनिया के किसी भी पैथी में नहीं है, यह बात बड़े-बड़े डॉक्टर भी मान चुके हैं कि इसके जोड़ की दवा दुनिया के किसी भी चिकित्सा में नहीं है 

कहते हैं कि मरने वाले आदमी को भी अगर मकरध्वज खिला दिया जाये तो कुछ मिनट तक बच जाता है 

बच्चों से लेकर बूढों तक में फायदा करने वाली यह बेजोड़ दवा है, यह कितना असरदार दवा है आप इस बात से ही समझ सकते हैं कि जब मरने वाले को भी यह असर करती है तो साधारण, साध्य और कष्टसाध्य रोगों में इसका क्या प्रभाव होगा 

किसी भी कारण से शरीर में कमज़ोरी आ जाने पर या फिर खून की कमी हो जाने पर मकरध्वज के इस्तेमाल से बहुत तेज़ी से फायदा होता है 

यह कफ़ दोष के कारण होने वाली बीमारीओं को बहुत जल्दी दूर करता है, हार्ट की कमजोरी दूर कर हार्ट को मज़बूत बनाता है, शरीर से बैक्टीरिया का नाश करता है, स्पर्म को Healthy बनाता है, वीर्य गाढ़ा कर शीघ्रपतन, नपुंसकता इत्यादि को दूर करता है 

मकरध्वज को खरल करने के बाद यह लाल रंग का पाउडर की तरह होता है, इसकी मात्रा और सेवन विधि रोग और रोगी के अनुसार होनी चाहिए 

व्यस्क व्यक्ति इसे 125 मिलीग्राम तक दिन में दो बार शहद मलाई या उचित अनुपान के साथ ले सकते हैं 

मकरध्वज के इस्तेमाल से कई सारी दूसरी आयुर्वेदिक दवा भी बनाई जाती है जैसे मकरध्वज गुटिका, मकरध्वज वटी, मकरध्वज रसायन इत्यादि 

यहाँ मैं बताना चाहूँगा मकरध्वज वटी के बारे में, जो की प्रचलित है और सबसे ज्यादा इस्तेमाल भी की जाती है 



तो आईये सबसे पहले जान लेते हैं कि मकरध्वज वटी को कैसे बनाया जाता है?

इसके लिए मकरध्वज,कपूर, जायफल और कालीमिर्च(छिल्का निकाली हुयी) प्रत्येक 20 ग्राम और कस्तूरी 2 ग्राम लेना होता है 

जायफल और काली मिर्च का बारीक चूर्ण कर उसमे बाक़ी सारी दवा अच्छी तरह से मिलाकर खरल करें और पान के रस की भावना देकर ख़ूब घुटाई कर 2-2 रत्ती या 250 mg की गोलियां बनाकर सुखा कर रखा जाता है, यही मकरध्वज वटी कहलाती है 

आयुर्वेदिक ग्रन्थ भैषज्यरत्नावली में इसे 'वृहचंद्रोदय मकरध्वज' कहा गया है 

आज के समय में कस्तूरी दुर्लभ होने की वजह से इसमें कस्तूरी की जगह पर  केसर या लता कस्तूरी जैसी चीजें मिलाकर बनाया जाता है 

मकरध्वज वटी का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका- 

1-1 गोली दिन में 2 बार शहद, मक्खन, मलाई या दूध के साथ 



मकरध्वज वटी के फ़ायदे- 

हर तरह के रोग में इसे अलग-अलग अनुपान के साथ लेकर फायदा उठाया जा सकता है 
यह त्रिदोष नाशक है, मतलब इसके इस्तेमाल से वात, पित्त और कफ़ तीनों दोषों के कारन होने वाले रोग दूर होते हैं 

इसका सबसे ज्यादा असर हार्ट, ब्रेन, वात वाहिनी और शुक्र वाहिनी नाड़ीयों पर होता है 
इसके इस्तेमाल से वीर्य विकार, शुक्र विकार, लिंग की कमजोरी, ढीलापन इत्यादि दूर होते हैं 

इसके इस्तेमाल से प्रमेह, शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी प्रॉब्लम दूर होती है 

यह एक उत्तम पुष्टिकारक, स्तम्भन शक्ति बढ़ाने वाली और नपुँसकता दूर करनेवाली बेस्ट दवा है, यह शरीर में बल, वीर्य और ओज की वृद्धि करती है 

मकरध्वज वटी आयुर्वेदिक मेडिकल में मिल जाती है, डाबर बैद्यनाथ जैसी आयुर्वेदिक कंपनियां इसे बनाती हैं. ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें. डाबर सिद्ध मकरध्वज ऑनलाइन खरीदने के लिए यहाँ क्लिक करें 




24 फ़रवरी 2017

रजः प्रवर्तनी वटी, रुके माहवारी या पीरियड की आयुर्वेदिक दवा | Rajah Pravartini Vati Benefits


रजः प्रवर्तनी वटी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसके इस्तेमाल से महिलाओं के पीरियड की सारी प्रॉब्लम दूर होती है, पीरियड नहीं होना, पीरियड कम होना, पीरियड के दौरान दर्द होना जैसे प्रॉब्लम दूर होते हैं

भैषज्य रत्नावली का यह योग बड़ा ही असरदार है और स्त्री रोगों में इसका प्रयोग सदियों से किया जा रहा है 

इसे मुसब्बर, शुद्ध हींग, शुद्ध टंकण और शुद्ध कसीस सभी बराबर मात्रा में लेकर घृत कुमारी के रस की भावना देकर बनाया जाता है 

यह क्लासिकल शास्त्रीय फ़ॉर्मूला है और इसी फार्मूले की यह दवा बैद्यनाथ, डाबर जैसी कंपनियों की मिलती है 

जबकि दिव्य रजः प्रवर्तनी वटी में सोया बीज, गाजर बीज, उलटकम्बल और बंस भी मिला होता है 

आईये अब जानते हैं रजः प्रवर्तनी वटी  के फ़ायदे-

यह शरीर से वात दोष को दूर करती है, गर्भाशय में ब्लड फ्लो को बढाती है जिस से रुका पीरियड चालू हो जाता है 

पीरियड नहीं होने की प्रॉब्लम में इसे अशोकारिष्ट या कुमार्यासव के साथ लेना चाहिए 

रजः प्रवर्तनी वटी के इस्तेमाल से पीरियड न होना, कम होना, देर से होना या दर्द के साथ होना जैसी प्रॉब्लम दूर होती है 

कुल मिलाकर देखा जाये तो पीरियड रिलेटेड प्रॉब्लम के लिए इस से बढ़िया कोई दवा नहीं है 

रजः प्रवर्तनी वटी की मात्रा और सेवन विधि- 



1 से 2 गोली(250 से 500 mg) तक दिन में दो बार भोजन के एक घंटा के बाद लेना चाहिए 

डॉक्टर की सलाह से ही इसका डोज़ तय करना चाहिए, ज्यादा डोज़ होने पर हैवी ब्लीडिंग हो सकती है 

कोमल प्रकृति की महिलाओं को इसकी जगह पर 'कन्यालोहादी वटी' का इस्तेमाल करना चाहिए. 'कन्यालोहादी वटी' की जानकारी आलरेडी हमारे चैनल पर मौजूद है. इस घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -  रजः प्रवर्तनी वटी ऑनलाइन ख़रीदें 

डाबर रजः प्रवर्तिनी वटी, झंडू रजः प्रवर्तिनी वटी, पतंजलि रजः प्रवर्तिनी वटी



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22 फ़रवरी 2017

दिव्य मकरध्वज के फायदे | बिजली जैसी ताक़त देने वाला महा शक्तिशाली योग | Divya Makardhwaj Benefits & Use


मकरध्वज का नाम आपने कहीं न कहीं सुना ही होगा, यह आयुर्वेद की एक महान दवा है जो त्रिदोष नाशक है, जिसकी वजह से सारे रोग दूर होते हैं

मकरध्वज एक बड़ा विषय है जिस पर आज मैं चर्चा नहीं करूँगा बल्कि पतंजलि के दिव्य मकरध्वज के बारे में बताऊंगा

मकरध्वज सर्वरोगनाशक उत्तम टॉनिक है इसके इस्तेमाल से नवयौवन आता है, यौन दुर्बलता और हर तरह के पुरुष रोग दूर होते हैं

सबसे पहले जान लेते हैं दिव्य मकरध्वज का कम्पोजीशन- 

इसे रस सिन्दूर, स्वर्ण भस्म, लौह भस्म, लौंग, कपूर, जायफल और जावित्री के मिश्रण से बनाया जाता है

पान के पत्तों के रस की भावना देकर अच्छी तरह से खरल कर सुखाकर रखा जाता है 

दिव्य मकरध्वज के फ़ायदे-

मकरध्वज एक बेस्ट टॉनिक है, इसके इस्तेमाल से ताक़त बढ़ती है और कमजोरी दूर होती है  

यह एक रसायन है पुरुषों की सेक्सुअल प्रॉब्लम को दूर करता है, इसके इस्तेमाल से शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, यौनेक्षा की कमी इत्यादि दूर होते हैं 



पुरुष रोगों में इसे असगंध, सफ़ेद मुसली या कौंच बीज के साथ लेने से अच्छा परिणाम मिलता है 

नर्वस सिस्टम को ताक़त देता है, हार्ट की कमजोरी, नसों का ढीलापन इत्यादि दूर करता है 

एंटी एजिंग गुणों से भरपूर है, यौवन बनाये रखने में मदद करता है, शारीरिक और मानसिक कमजोरी को दूर करता है 

सर्दी, खांसी और सीने की जकड़न में भी इसके इस्तेमाल से फायदा होता है 
मकरध्वज को अलग-अलग अनुपान के साथ कई रोगों में दिया जा सकता है 



मकरध्वज का डोज़- 

125 mg तक दिन में दो बार शहद के साथ भोजन के बाद लेना चाहिए 

इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए, इसका डोज़ रोग और रोगी की कंडीशन पर डिपेंड करता है. दिव्य मकरध्वज ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें 


स्पेशल मकरध्वज, मकरध्वज वटी, सिद्ध मकरध्वज और मकरध्वज बनाने की विधि के बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही देने की कोशिश करूँगा 

 जय हिन्द!!! जय आयुर्वेद!!! 



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Phal Ghrit Benefit and Use | फल घृत के फायदे, बाँझपन और मिसकैरेज की आयुर्वेदिक दवा


फल घृत एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका नाम आपने सुना होगा, इसका इस्तेमाल से महिला प्रजनन अंगो या Reproductive system के रोग दूर होते हैं और स्वस्थ संतान प्राप्ति में मदद करता है

फल घृत गर्भाशय को ताकत देता है और पीरियड रिलेटेड प्रॉब्लम को दूर करता है, यह बेहद पौष्टिक होता है और शरीर की रुक्षता और कब्ज़ को भी दूर करता है 

गाय के घी में बनायी जाने वाली यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो घी की तरह होती पर गुणों से भरपूर 

इसे  गाय का दूध, घी और कई सारी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है, इसमें मिलाई जाने वाली जड़ी बूटियों के नाम इस प्रकार हैं-

मंजिठ, कुठ, तगर, त्रिफला, बच, हल्दी, दारुहल्दी, जेठीमध, मेदा, यवानी, कटु रोहिणी, क्षीर विदारी, हिंगू, काकोली, असगंध, शतावर और  मिश्री 
आयुर्वेदिक प्रोसेस घृत पाक विधि से इसे बनाया जाता है 

आईये अब जानते हैं फल घृत के फायदे- 



यह गर्भाशय को ताकत देता है और बार-बार होने वाले गर्भपात या मिसकैरेज को रोकता है 

इसके इस्तेमाल से होने वाले बच्चे के विकास में मदद मिलती है, स्वस्थ और बुद्धिमान संतान उत्पन्न होती है 

इसके इस्तेमाल से महिलाओं में होने वाले कमर दर्द, पीठ दर्द, पेडू दर्द इत्यादि दूर होते हैं 
फल घृत इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम को दूर करता है, एग produce नहीं होना या कोई भी प्रॉब्लम हो तो लाभ होता है 

अज्ञात कारणों से होने वाली इनफर्टिलिटी या बाँझपन को दूर करने के लिए फल घृत का इस्तेमाल करना चाहिए 

Menstrual या पीरियड की प्रॉब्लम, Vaginal प्रॉब्लम और फैलोपिन ट्यूब की ब्लॉकेज की प्रॉब्लम में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है 

यह उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है जिन्हें कमज़ोर बच्चे पैदा होते हों 

यह शरीर के अंगो को शक्ति प्रदान करता है और टॉनिक की तरह भी काम करता है 

महिला रोगों के अलावा यह पुरुष रोगों में भी लाभकारी है इसके इस्तेमाल से वीर्य विकार, अनजाने में वीर्य निकल जाना, शुक्राणुओं की संख्या कम होना और यौन दुर्बलता जैसे रोगों में फायदा होता है



फल घृत का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका - 

1 से 2 चम्मच तक सुबह शाम दूध या गर्म पानी से लेना चाहिए 

इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम दूर करने के लिए इसे कम से कम 3 से 6 महिना तक इस्तेमाल करना चाहिए 

हार्ट के रोग, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा के रोगी को इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए 

पूरी तरह से सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है, कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. अपनी बॉडी की कैपेसिटी के मुताबिक लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें




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21 फ़रवरी 2017

इसबगोल के फ़ायदे नहीं जानते होंगे आप | Isabgol Psyllium Husk Benefits in Hindi


इसबगोल फसल के रूप में पैदा की जाने वाली ऐसी दवा है जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से किया जा रहा है इसके चमत्कारी गुणों के कारण

इसे बड़े पैमाने पर गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में उगाया जाता है, इसका पौधा तनारहित झाड़ीनुमा होता है

इसमें गेंहूँ की बालियों की तरह फूल आते है और नाव की तरह के बीज लगते हैं, इन्ही बीजों से इसकी भूसी निकाली जाती है

इसके बीज और भूसी दोनों का दवा के रूप में इस्तेमाल होता है, पर यहां हम इसके भूसी के इस्तेमाल की बात करेंगे

इसबगोल भूसी को अंग्रेजी में सिलीअम हस्क(Psyllium husk) कहते हैं

अपने आप को तंदुरुस्त रखने के लिए आप हर दिन कई तरह से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। आमतौर पर इसे कब्जियत में काफी कारगर माना जाता है।

इसबगोल का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल पेट के रोगों जैसे कब्ज़ या Constipation में किया जाता है, तो आईये जानते हैं कि किन रोगों में इसका इस्तेमाल कर फ़ायदा ले सकते हैं - 

नयी पुरानी कब्ज़ का दुश्मन है इसबगोल भूसी - 
कब्ज़ दूर करने के लिए पानी में भीगा कर लेना चाहिए. इसे पानी में डुबाने के बाद यह फूल जाता है और एक जेल का निर्माण करता है। यह जेल स्वादहीन और गंधहीन होता है। अपने Laxative गुण और फाइबर से भरपूर होने के कारण यह आंत को साफ करता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है

बवासीर से निजात पाने के लिए - 
इसबगोल में मौजूद लैक्ज़ेटिव गुण नेचुरत बोल मूवमेंट में मददगार होता है। इसमें उच्च मात्रा में घुलनशील व अघुलनशील फाइबर पाया जाता है। इससे यह बवासीर में राहत दिलाता है. बवासीर रोगी को इसका इस्तेमाल रात में सोने पहले करना चाहिए 



पेचिश, डायरिया और दस्त होने पर- 
दही के साथ सफगोल की भूसी मिलाकर खाने से फ़ायदा होता है 

एसिडिटी के लिए - 
यह पेट में एक सुरक्षा कवच तैयार करता है जो डायजेस्टिव एसिड के अत्यधिक स्राव को कम करता है। साथ ही यह पेट में मौजूद एसिड के प्रभाव को निष्क्रय भी करता है. एसिडिटी के लिए इसे भोजन के बाद ठन्डे पानी से लेना चाहिए 

वज़न कम करने या मोटापा दूर करने के लिए- 
इसबगोल फाइबर रिच होता है जिस से मोटापा कम  होने में मदद मिलती है. पेट में जाकर यह फूल जाता है जिस से पेट भर जाता है और खाने की इच्छा कम होती है. भोजन से 2-3 घंटा पहले लेने से वज़न कम होता है, निम्बू का रस मिलाकर भी इसे लिया जा सकता है 

दिल की बीमारीयों से बचने के लिए - 
इसके इस्तेमाल से कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है. इसमें नेचुरल हाइग्रोस्कोपिक होती है, इसलिए यह कोलेस्टरोल को एब्जॉर्ब करता है। यह पेट और आंत पर टोक्सिन व तैलीय पदार्थ के अत्याधिक जमाव को रोकता है। साथ ही यह भोजन के फैट को एब्जॉर्ब होने से भी रोकता है।

डायबिटीज कण्ट्रोल करता है- 
इसबगोल में नेचुरल जेलाटिन पदार्थ पाया जाता है जो शरीर में ग्लूकोज का सोखना धीमा करता है। यानी यह ग्लूकोज के सेवन को कम करने के साथ ही मधुमेह को नियंत्रित करता है



स्वप्नदोष के लिए- 
इसबगोल और मिश्री 1-1 चम्मच दूध के साथ सोने से पहले लेने से स्वप्नदोष में फ़ायदा होता है 

शीघ्रपतन और धात गिरने की प्रॉब्लम के लिए  -
इसबगोल, मिश्री और खसखस सभी को बराबर मात्रा में लेने से फ़ायदा होता है 

पेशाब में जलन होने पर- 
1 चम्मच सफगोल और 1 चम्मच चीनी एक ग्लास पानी में घोल कर पिने से पेशाब की जलन दूर होती है 

महिला रोग ल्यूकोरिया के लिए - 
इसबगोल को दूध में उबालकर इसमें मिश्री मिलाकर पिने से सफ़ेद पानी की प्रॉब्लम में बहुत फ़ायदा होता है 

अस्थमा के लिए- 
लम्बे समय तक सुबह शाम इसबगोल का सेवन करने से अस्थमा में फ़ायदा है होता है, कहते हैं 1-2 साल तक यूज़ करने से पुराना अस्थमा भी चला जाता है 

सुखी खांसी के लिए -
1 चम्मच सफगोल भूसी को सुबह आधा ग्लास पानी में भिगो दें और शाम को इस्तेमाल करें, और इसी तरह शाम का भिगोया हुवा सुबह को यूज़ करेंगे तो सुखी खांसी में फ़ायदा होता है 

गैस्ट्रिक अल्सर में -
गर्म दूध में इसबगोल को डालकर पिने से कब्ज़ की वजह से होने वाले गैस्ट्रिक अल्सर में फ़ायदा होता है 

पायरिया होने पर - 
इसबगोल को सिरके में मिलाकर मंजन करने से पायरिया ठीक होता है 

अगर बच्चे गलती से कंकड़-पत्थर या कांच का टुकड़ा निगल जाएँ तो इसबगोल को दूध के साथ देना चाहिए 

आईये अब जानते हैं इसबगोल के कोई साइड इफ़ेक्ट हैं या नहीं?



इसबगोल से कोई गंभीर एलर्जिक रिएक्शन शायद ही कभी होता है। साइड इफैक्ट के मामले में यह काफी सुरक्षित माना जाता है। हां इतना जरूर है कि इसका अत्याधिक सेवन कभी न करें। इसका इस्तेमाल हमेशा पानी में भिगाकर ही करें 

वैसे तो इससे एलर्जिक रिएक्शन नहीं होता है, पर अगर अलर्जी हो जाये तो इस्तेमाल बंद कर दें.

अगर आपको कभी एपेंडिक्स या पेट में ब्लॉकेज की प्रॉब्लम रही हो तो इसका इस्तेमाल न करें 

कोई भी ब्रांडेड कंपनी का इसबगोल इस्तेमाल कर सकते हैं, सिधपुर फैक्ट्री का टेलीफोन ब्रांड इसबगोल Trusted और बहुत पुराना ब्रांड है, बैद्यनाथ या किसी दूसरी कंपनी का भी यूज़ कर सकते हैं. पतंजलि का भी अच्छा है. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें निचे दिए लिंक से -

   


20 फ़रवरी 2017

पतंजलि दृष्टि आई ड्राप आँखों की आयुर्वेदिक दवा | Patanjali Drishti Eye Drops Benefits & Review


जी हाँ दोस्तों, आँखों की प्रॉब्लम के लिए यह एक असरदार आयुर्वेदिक दवा है इसके इस्तेमाल से आँखों की सारी प्रॉब्लम दूर होती हैं

दृष्टि आई ड्राप आँखों का लाल होना, Conjunctivitis जैसे छोटी प्रॉब्लम से लेकर मोतियाबिंद जैसी बड़ी प्रॉब्लम में भी असरदार है

आईये सबसे पहले जानते हैं इसका कम्पोजीशन- 

इसे प्याज़ का रस, अदरक का रस, निम्बू का रस और शहद के मिश्रण से बनाया गया है
इसमें मिलायी गयी चीज़ों के गुणों की बात करें तो प्याज़ का रस आँखों की नेचुरल तरीके से सफ़ाई करने, आँखों का Dryness और ग्लूकोमा में फ़ायदा करता है 

अदरक का रस का वही गुण है जो अदरक का होता है जैसे एंटी Inflammatory, एंटी बायोटिक, आँखों की सफ़ाई करने वाला और नज़र को तेज़ करने वाला है 

निम्बू का रस आँखों को प्रयाप्त पोषण देता है और आखों की बीमारीओं से बचाता है 

शहद के अनगिनत फ़ायदे हैं, शहद आँखों के लिए बेस्ट टॉनिक है. नज़र को तेज़ करने और आँखों को पोषण देने में इसका कोई जवाब नहीं. आँखों में सलाई से सिर्फ़ शहद लगाकर आप कई सारी प्रॉब्लम को दूर कर सकते हैं 



दृष्टि आई ड्राप के फ़ायदे - 

यह आँखों के इन्फेक्शन में फायदेमंद है, आँखों का लाल होना, सुजन होना, आँख में दर्द होना जैसी प्रॉब्लम में इसका इस्तेमाल करना चाहिए 

कंप्यूटर के सामने ज़्यादा टाइम तक काम करने या स्मार्ट फ़ोन में लगे रहने से आपके आँखों में कोई प्रॉब्लम हो तो इसका इसका इस्तेमाल कर सकते हैं 

यह आँखों की रौशनी और नज़र को तेज़ करता है, कमज़ोर नज़र वाले बच्चे भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं 

आँखों के ऑपरेशन के बाद भी होने वाले दर्द में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है 

आँखों की रौशनी तेज़ करने का एक घरेलु नुस्खा 'चश्मा उतार लोशन' हमारी वेबसाइट  पर देख सकते हैं 
अब जानते हैं की दृष्टि आई ड्राप को इस्तेमाल करने का तरीका - 

2 बून्द दिन में 2 बार आँखों में डालना चाहिए 

इसे आँखों में डालने से कुछ देर के लिए तेज़ जलन होती है, इस से घबराना नहीं चाहिए. बच्चों में इस्तेमाल करने के लिए इसमें गुलाब जल मिलाकर यूज़ करें. ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें  

इसके पैक को खोलने के एक महिना के अन्दर ही यूज़ करें, इसके 15 ML की क़ीमत 25 रुपया है. 


18 फ़रवरी 2017

लबूब कबीर | लिंग का ढ़ीलापान और शीघ्रपतन की बेजोड़ यूनानी दवा | Labub Kabir Review in Hindi


लबूब कबीर नाम की इस दवा का इस्तेमाल ज़्यादातर हकीम लोग करते हैं पुरुषों की बीमारियों जैसे पेनिस का ढीलापन, शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, वीर्य का पतलापन, Sperm count कम होने और Impotency को दूर करने के लिए

आईये सबसे पहले जान लेते हैं इसके नुस्खे या कम्पोजीशन को -

इसमें कई तरह की जड़ी-बूटियों को मिलाकर इसे बनाया जाता है इसमें-

वर्क़ तिला, वर्क नुकरा, अम्बर अस्हब, जौज़बुआ, बिस्बसा, उसना, फिल्फ़िल दराज़, जटामांसी, सद कूफी, क़रनफ़ल, कबाबचीनी, इन्द्रजौ शीरीं, दरुनाज अक़रबी, ज़रमबद, हब्बुल किलकिल, तुख्म गाजर, तुख्म प्याज़, तुख्म तुर्ब, तुख्म शलजम, तुख्म इस्पस्त, तुख्म हल्युम, उद हिंदी, खरातीन मुसफ्फा, सुरंजान शीरीं, बुज़िदन, पुदीना खुश्क, पनीर माय शुतुर अरबी, ज़ाफ़रान, मस्तंगी, मगज़ पिस्ता, मगज़ बादाम, मगज़ फुन्दुक, हब्बुल खिज़रा, मगज़ अखरोट, मगज़ चिल्गोज़ा, हब्बुल ज़लाम, माही रुबियान, कुलंजन, शकाकुल मिस्री, बहमन सुर्ख, बहमन सफ़ेद, तुदरी सुर्ख, तुदरी ज़र्द, ज़न्ज्बील, कुंजद मुक़ाषर, दारचीनी, खुस्यातुस सालब, नार्जील ताज़ा, ख़सख़स सफ़ेद और शक्कर मिलाया जाता है

सभी जड़ी-बूटियों के पाउडर को तिगुने मात्रा के शहद में अच्छी तरह से मिलाया जाता है और सबसे आख़िर में वर्क तिला और वर्क नुक़रा मिलाया जाता है

यूनानी दवा बनाने वाली कंपनी हमदर्द के अलावा भी लबूब कबीर को कई सारी दूसरी यूनानी कंपनियां भी बनाती हैं, जिसे लेकर आप आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं

लबूब कबीर के फ़ायदे- 


जैसा कि मैंने शुरू में बताया पुरुष रोगों के लिए यह बेजोड़ दवा है

इसके इस्तेमाल से टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ता है, Impotency दूर होती है

सीमेन की मात्रा को बढ़ाता है, Sperm count, Motility और Sperm quality को बढ़ाता है, जिस से पुरुषों की इनफर्टिलिटी की समस्या दूर होती है

Premature ejaculation, Erectile dysfunction को दूर करता है, ब्लड फ्लो को बढ़ाता है जिस से मेल ऑर्गन में हार्डनेस आता है

धात गिरना और स्वप्नदोष जैसी प्रॉब्लम को भी दूर करता है

मानसिक तनाव, थकान को दूर करता है और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है

इसे भी देखें - माजून अरद खुरमा शीघ्रपतन की यूनानी दवा 

कुल मिलाकर देखा जाये तो  पुरुषों के ओवरआल हेल्थ को इम्प्रूव कर ताक़त और स्टैमिना बढ़ाने के लिए यह बेस्ट दवाओं में से एक है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करती है

आईये अब जानते हैं लबूब कबीर का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका - 


5 से 10 ग्राम तक एक ग्लास दूध के साथ सुबह खाली पेट नाश्ते से 1 घंटा पहले रोज़ सिर्फ़ एक बार लेना चाहीये

अगर आप कोई दूसरी दवा भी ले रहे हैं तो इसे खाने से एक घंटा पहले और बाद ही दूसरी दवा लेनी चाहिए

पूरी तरह से सुरक्षित यूनानी दवा है लॉन्ग टाइम तक इस्तेमाल की जा सकती है
125 ग्राम का पैक 250 रुपया के दरम्यान मिल जायेगा. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें हमारे स्टोर से -    लबूब कबीर

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17 फ़रवरी 2017

Zandu Vigorex Benefits | झंडू विगोरेक्स उर्जा और क्षमता बढ़ाये,स्वस्थ और ख़ुशहाल ज़िन्दगी के लिए



झंडू विगोरेक्स एक आयुर्वेदिक दवा है जो पुरुषों के हेल्थ को ठीक करती है, इसके इस्तेमाल से ताक़त और स्टैमिना बढ़ता है, थकान, चिंता और यौन कमज़ोरी दूर होती है

झंडू विगोरेक्स कैप्सूल और झंडू विगोरेक्स SF कैप्सूल यह 2 वैरायटी का होता है
Zandu Vigorex SF

Zandu Vigorex


आईये सबसे पहले जान लेते हैं इसका कम्पोजीशन-

झंडू विगोरेक्स कैप्सूल में कौंच बीज, सफ़ेद मुसली, अश्वगंधा, गोखुरू, शिलाजीत, जायफल और यशद भस्म मिले होते हैं 

जबकि विगोरेक्स SF कैप्सूल में कौंच बीज, सफ़ेद मुसली, अश्वगंधा, गोखुरू, शिलाजीत, जायफल, गुरीच, आँवला, विषतुन्दक,  चंद्रोदय, अभ्रक भस्म, माणिक्य भस्म, कान्त लौह भस्म और कपूर का मिश्रण होता है 

झंडू विगोरेक्स के फ़ायदे-



यह एक वाजीकारक, वीर्यवर्धक उत्तम रसायन है, इसके इस्तेमाल से शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन दूर होता है 

नर्वस System को ताक़त देता है, नसों की कमज़ोरी को दूर करता है, यौनेक्षा को बढ़ाता है 

भरपूर एनर्जी देता है और लॉन्ग लास्टिंग इरेक्शन में मदद करता है 

डेली टॉनिक की तरह काम करता है और टेंशन फ्री कर जीवन में उत्साह बढ़ाता है 

कुल मिलाकर देखा जाये तो यह पुरुषों के लिए एक अच्छा हेल्थ Supplement और टॉनिक है जो यौन कमज़ोरी को दूर कर ख़ुशहाल ज़िन्दगी जीने में मदद करता है 

यहाँ एक और बात बता देना चाहूँगा कि इसका इस्तेमाल महिलाएं भी कर सकती हैं जनरल टॉनिक के रूप में हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए 



विगोरेक्स कैप्सूल का डोज़- 

विगोरेक्स 1 से 2 कैप्सूल तक सुबह शाम दूध के साथ लेना चाहिए जबकि विगोरेक्स SF कैप्सूल को डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए. घर बैठे ऑनलाइन खरीदिये अमेज़न से -


 

कम से कम 3 महिना तक यूज़ करने पर ही पूरा फ़ायदा मिलता है 

पूरी तरह से आयुर्वेदिक सुरक्षित दवा है, लॉन्ग टाइम तक यूज़ कर सकते हैं




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16 फ़रवरी 2017

Himalaya Geriforte Benefits & Review in Hindi | हिमालया जेरिफोर्ट के फ़ायदे


हिमालया हर्बल की यह दवा दुबारा नवयौवन देने वाली एक बेहतरीन टॉनिक की तरह काम करती है, इसके इस्तेमाल से आज की भाग-दौड़ भरी लाइफ स्टाइल की वजह से होने वाली मानसिक तनाव, चिंता, थकान और सामान्य कमज़ोरी दूर होती है

आईये अब जानते हैं हिमालया जेरिफ़ोर्ट का कम्पोजीशन - 

जेरिफ़ोर्ट टेबलेट और सिरप दोनों रूप में आता है तो सबसे पहले जानते हैं जेरिफ़ोर्ट टेबलेट में क्या-क्या है 

इसमें च्यवनप्राश का कंसंट्रेशन होता है और इन चीज़ों का extract जैसे - हिमसरा, कासनी, दारुहल्दी, वासा, काकमाची, अर्जुन, ब्रिन्जासिफ, कासमर्द और झावुक

जबकि इन जड़ी बूटियों का पाउडर मिला होता है जैसे- अश्वगंधा, शतावर, यष्टिमधु, मंडूकपर्णी, हरीतकी, मुसली, उड़क्रियक, कपिकच्चू, जायफल, जावित्री, भृंगराज, वृद्धदारू, केसर, लौंग, इलायची, अजवाइन, हल्दी, ज्योतिष्मती के अलावा शुद्ध शिलाजीत, मकरध्वज, अभ्रक भस्म, यशद भस्म, मंडूर भस्म और लौह भस्म मिला होता है 

इतनी सारी जड़ी-बूटियों और भस्मों के मिश्रण से बनी यह दवा कितनी पावरफुल है आप ख़ुद समझ सकते हैं 

जेरिफ़ोर्ट सिरप का कम्पोजीशन थोड़ा सा अलग होता है इसमें भी च्यवनप्राश होता है और इसके अलावा शिलाजीत, केसर, हिमसरा, कासनी, दारुहल्दी, वासा, काकमाची, अर्जुन, असगंध, गिलोय, द्राक्षा, पुनर्नवा, खजूर, ब्रिन्जासिफ, कासमर्द, झावुक, शतावर, यष्टिमधु, मंडूकपर्णी, हरीतकी, विडंग, मुंडी, मुसली, उड़क्रियक, कपिकच्चू, जायफल, जावित्री, भृंगराज, वृद्धदारू, लौंग, इलायची, अजवाइन, हल्दी और ज्योतिष्मती मिश्रण होता है 



हिमालया जेरिफ़ोर्ट के फ़ायदे- 

यह एक बेहतरीन हेल्थ टॉनिक है जिसके इस्तेमाल से आप टेंशनफ्री और एक्टिव रह सकते हैं 

तनाव, चिंता और दिमागी थकान को दूर करता है और आपको हमेशा फिट रहने में मदद करता है 

वर्क आउट या जीम करने वाले लोगों के लिए यह एक बेहतरीन Supplement हैं, वर्क आउट के बाद होने वाले थकान और स्ट्रेस को कम करता है 

जिम जाने वाले लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के काम करता है 

एंटी एजिंग और एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है, ओवर आल हेल्थ को इम्प्रूव करता है और इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाता है 



हिमालया जेरिफ़ोर्ट का डोज़- 

जेरिफ़ोर्ट 2 टेबलेट दिन में 2 बार खाना खाने के बाद लेना चाहिए जबकि सिरप लेना हो तो 2 चम्मच दिन में दो बार ले सकते हैं. घर बैठे ऑनलाइन ख़रीदें, निचे दिए लिंक से-

 

जेरिफ़ोर्ट बिल्कुल सेफ दवा है किस तरह का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है, फ़ूड Supplement के रूप में सालों साल इसका इस्तेमाल किया जा सकता है




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Whooping Cough Home Remedy | काली खांसी, कुकुर खांसी का घरेलु नुस्खा


आज मैं बता रहा हूँ कुकुरखांसी या Whooping Cough के लिए एक आसान से घरेलु प्रयोग के बारे में

जी हाँ दोस्तों, कुकुरखांसी या काली खांसी एक ऐसी बीमारी है जिस से बच्चे सबसे ज़्यादा परेशान होते हैं

इसकी वजह से खांसते-खांसते बच्चों की आँख लाल हो जाती है और उल्टी तक हो सकती है

इस खांसी में कुत्ते की खांसी की तरह आवाज़ होती है, इसलिए कुकुर खांसी भी कहते हैं

यह एक बहुत ही तकलीफ़देह बीमारी है, वैसे तो आयुर्वेद में इसका सटीक ईलाज है और कई सारी दवाएं हैं पर यहाँ आप एक बहुत ही आसान सा प्रयोग जानेंगे

इस प्रयोग के लिए आपको चाहिए होगा केले के हरे पत्ते सूखे हुवे 

केले के सूखे पत्ते के टुकड़े कर कड़ाही में डाल कर आँच पर रखें और जलाकर कोयला कर दीजिये

ठण्डा होने पर अच्छी तरह से पीसकर रख लीजिये, बस दवा तैयार है 

अब जानते हैं इसे इस्तेमाल कैसे करना है?

250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम तक शहद के साथ बच्चों को रोज़ 3-4 बार चटाना चाहिए 
बड़े व्यक्ति आधा से एक ग्राम तक ले सकते हैं 

इसके इस्तेमाल से कुकुर खांसी या हुपिंग कफ़ में पहले दिन से ही फ़ायदा होता है और कुछ ही दिनों में खांसी दूर हो जाती है 



कुकुर खांसी का एक और अनुभूत रामबाण योग है, जिसे बनाने में थोड़ी ज़्यादा मेहनत होती है, उसकी जानकारी आने वाले दिनों में दूंगा 

तो दोस्तों, कुकुर खांसी में आज के बताये नुस्खे का इस्तेमाल कर परेशान करने वाली इस खांसी को दूर कर सकते हैं



15 फ़रवरी 2017

Hamdard Hamdogen Review in Hindi | खोया हुवा जोश और ताक़त वापस पायें 'हमदर्द हमदोजीन' से


जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि यूनानी दवा बनाने वाली कंपनी हमदर्द अपने Quality प्रोडक्ट्स के लिए जानी जाती है

हमदर्द का हमदोजीन कैप्सूल पुरुषों के सेक्सुअल हेल्थ को इम्प्रूव करने की एक बेहतरीन दवा है

हमदोजीन कैप्सूल पुरुष रोगों के लिए जानी मानी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया जाता है, आईये अब जानते हैं कि इसमें क्या-क्या है -

इसमें कई सारी जड़ी-बूटियां और कुश्ता मिलाये जाते हैं जैसे-

तुख्म प्याज़, नागकेशर, कुलंजन, पीपल कलां, ज़न्जाबिल, तुख्म कौंच, खुशिया बुज़ख़ुश्क, कुश्ता मीरगंग, शिलाजीत, ज़ाफ़रान, अम्बर, असगंध नागौरी, खरातीन मुसफ्फा, अजवाइन खुरासानी, सालब मिस्री, बहमन सफ़ेद, कुश्ता खब्सुल हदीद, तुख्म गाजर, कुचला मुदब्बर, मूसली सफ़ेद, अकरकरा, शकाकुल मिस्री और स्टार्च 

इस तरह की जड़ी-बूटियों और भस्मों से यह दवा बेहद असरदार बन जाती है 

भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी, स्ट्रेस, जंक फ़ूड, पोलुशन की वजह से होने वाली, कमज़ोरी-थकान को दूर कर खोया हुवा ताक़त और जोश वापस पा सकते हैं हमदर्द हमदोजीन से 

आईये अब जानते हैं हमदर्द हमदोजीन के फ़ायदे- 

हमदोजीन कैप्सूल एनर्जी देता है और स्टैमिना बढ़ाता है, शीघ्रपतन या जल्द डिस्चार्ज हो जाना, इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक करता है 

नर्व को ताक़त देता है और तनाव और स्ट्रेस को कम करता है 

ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिस से लिंग में भरपूर तनाव आता है और बेहतर इरेक्शन होता है 



हमदोजीन कैप्सूल के इस्तेमाल से टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है, लिबिडो और लॉन्ग सेक्स ड्राइव में मदद करता है 

लो लिबिडो, इरेक्टाइल डिसफंक्शन, Impotency और शीघ्रपतन या Premature Ejaculation के लिए यह एक अच्छी दवा है 

पुरुषों की Reproductive system के लिए यह एक टॉनिक की तरह काम करता है 

कुल मिलाकर देखा जाये तो यह पुरुषों के लिए एक बेहतरीन दवा है जिसे आसानी से इस्तेमाल कर फ़ायदा लिया जा सकता है 

हमदोजीन कैप्सूल का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-



1 से 2 कैप्सूल तक दिन में 2 बार दूध के साथ, या फिर डॉक्टर की सलाह से लेना चाहिए 
हमदोजीन कैप्सूल आयुर्वेदिक-यूनानी दवा दुकान से या फिर यहाँ क्लिक कर ऑनलाइन खरीद सकते हैं 





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14 फ़रवरी 2017

Himalaya Gasex Benefits & Review in Hindi | हिमालया गैसेक्स, पेट के गैस की आयुर्वेदिक दवा


आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली हिमालया हर्बल की दवा गैसेक्स पेट के रोगों जैसे, गैस, कब्ज़ और लीवर के लिए एक अच्छी आयुर्वेदिक दवा है

हिमालया गैसेक्स टेबलेट और सिरप के फॉर्म में आता है, तो आईये सबसे पहले एक नज़र डालते  हैं इसके कम्पोजीशन पर -

हिमालया गैसेक्स के टेबलेट में प्रतिविषा, कौड़ी भस्म, शंख भस्म, काली मिर्च, विडंग, त्रिफला और सोंठ का मिश्रण होता है 

जबकि गैसेक्स के सिरप में जीरा, त्रिकटु, पुदीना, सौंफ, इलायची, अजवाइन, धनिया और हल्दी का मिश्रण होता है

हिमालया गैसेक्स के क्या-क्या फायदे हैं?

इसके इस्तेमाल से पेट की गैस, बदहजमी, पेट में गुड़-गुड़ की आवाज़ होना, खट्टी डकार आना और बदहज़मी सहित पेट की सारी तकलीफें दूर होती हैं 

हिमालया गैसेक्स के इस्तेमाल से पेट गैस की वजह से होने वाले पेट दर्द में भी फ़ायदा होता है, पेट की गैस को बाहर निकलता है और गैस बनने से रोकता है 

पाचन शक्ति को सुधारता है और गैस और जड़ से दूर करने में मदद करता है 

आईये अब जानते हैं हिमालया गैसेक्स का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका -



अगर टेबलेट लेना हो तो 2-2 टेबलेट दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेना चाहिए 

गैसेक्स के सिरप को 2 चम्मच दिन में दो बार खाना खाने के बाद लेना चाहिए 

हिमालया गैसेक्स बिल्कुल सुरक्षित दवा है, इसके इस्तेमाल से किसी तरह का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है 

हिमालया गैसेक्स आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन खरीद सकते हैं, निचे दिए लिंक से-

13 फ़रवरी 2017

वंग भस्म के फ़ायदे क्या आप जानते हैं? | Vanga Bhasma Benefits and Use

यह एक धातु से बनी हुयी दवा है, सफ़ेद हिरनखुरी बंग से इसे बनाया जाता है

विज्ञान में इसे टिन या स्टेनम टिन (Stannum Tin ) कहते हैं, जबकि वंग इसका आयुर्वेदिक नाम है

आयुर्वेदिक भस्म निर्माण विधि शोधन-मारण जैसे प्रोसेस के बाद ही इसका निर्माण होता है

वंग भस्म मुत्र संस्थान और Re Productive system के रोगों की बेहद असरदार दवा है,

वंग भस्म पुरुष-महिला दोनों के Re Productive system के रोगों दूर करता है 

इसके इस्तेमाल से स्वप्नदोष, अनचाहे वीर्य निकल जाना, टॉयलेट या यूरिन पास करते हुवे वीर्य निकल जाना, प्रमेह, शिघ्रपतन, नामर्दी इत्यादि समस्त पुरुष रोग दूर होते हैं 

महिलाओं के रोग, हर तरह के ल्यूकोरिया और गर्भाशय के रोग को दूर कर गर्भधारण में मदद करता है 



आईये अब जानते हैं वंग भस्म का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका - 

वंग भस्म की मात्रा 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक है, इसे शहद, गिलोय सत्त या रोगानुसार अनुपान के साथ लेना चाहिए 

अनचाहे वीर्य निकल जाना, वीर्य का पतलापन और स्वप्नदोष के लिए वंग भस्म को मलाई के साथ लेना चाहिए 

शीघ्रपतन और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए इसे धातुपौष्टिक चूर्ण या कामदेव चूर्ण के साथ ले सकते हैं 

इसे सफ़ेद मुसली, असगंध या कौंच बीज के चूर्ण के साथ भी इसे ले सकते हैं 

महिला रोग जैसे ल्युकोरिया और गर्भाशय की प्रॉब्लम के लिए पुष्यानुग चूर्ण के साथ लेना चाहिए 

इसी तरह से इसे कई तरह रोगों में अलग-अलग दवाओं के साथ इसका इस्तेमाल कर फ़ायदा ले सकते हैं 

वंग भस्म का इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए 

कई सारी कंपनियां वंग भस्म का निर्माण करती हैं इसे आयुर्वेदिक मेडिकल से या ऑनलाइन खरीद सकते हैं. बैद्यनाथ वंग भस्म ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें  अगर भारत में रहते हैं तो निचे दिए लिंक से खरीदें -