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20 मार्च 2022

Gangadhar Ras Benefits, Use and Ingredients | गंगाधर रस के फ़ायदे

gangadhar ras


यह एक शास्त्रीय रसायन औषधि है जो अतिसार में प्रयोग की जाती है. तो आईये जानते हैं गंगाधर रस के घटक, निर्माण विधि और फ़ायदे के बारे में विस्तार से - 

गंगाधर रस के घटक या कम्पोजीशन 

इसके निर्माण के लिए चाहिए होता है शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, अभ्रक भस्म, कुटज छाल, अतीस, लोध्र पठानी,  बेल गिरी और धाय के फूल प्रत्येक बराबर वज़न में.

निर्माण विधि यह है कि सबसे पहले पारा-गंधक की कज्जली बना लें, इसके बाद दूसरी सभी चीजों का बारीक कपड़छन चूर्ण मिक्स कर पोस्त डोडा के क्वाथ में तीन दिनों तक खरल करने के बाद दो-दो रत्ती की गोलियां बनाकर सुखाकर रख लिया जाता है. यही गंगाधर रस कहलाता है. 

गंगाधर की मात्रा और सेवन विधि 

एक-एक गोली रोज़ दो-तीन बार तक छाछ के साथ या फिर रोगानुसार उचित अनुपान से, वैद्य जी की देख रेख में ही लें. 

गंगाधर रस के गुण 

यह स्तंभक, संग्राही, आमपाचक जैसे गुणों से भरपूर होता है. 

गंगाधर रस के फ़ायदे 

यह हर तरह के अतिसार यानी दस्त या लूज़ मोशन रोकने वाली औषधि  है.

मूल ग्रन्थ के अनुसार यह रक्तातिसार और आमातिसार में बहुत लाभ करती है. 

यह मन्दाग्नि को दूर करती है और भूख बढ़ाती है. 

आसान शब्दों में कहूँ तो यह पतले दस्त, डायरिया, ख़ूनी दस्त और आँव वाले दस्त की असरदार दवा है. 

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गंगाधर चूर्ण के फ़ायदे 



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