भारत की सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक हिन्दी वेबसाइट लखैपुर डॉट कॉम पर आपका स्वागत है

11 अक्तूबर 2016

कपूर के चमत्कारी फ़ायदे | Kapoor Ke Fayde | Health Benefits Of Camphor


आप शायेद नहीं जानते होंगे कि कपूर एक तरह के पेड़ से बनाया जाता है जिसे कपूर का पेड़ या कैम्फ़र ट्री कहते हैं, इसका वैज्ञानिक नाम Cinnamomum Camphora है 

पर आजकल केमिकल से भी इसे बनाया जाता है 
कपूर का रसायनिक सूत्र 

पूजा पाठ और हवन में कपूर क्यों जलाया जाता है क्या आप जानते हैं? वो इसलिए कि इसे जलाने से वातावरण शुद्ध होता है वायरल, बैक्टीरिया वगैरह इसके प्रभाव से मर जाते हैं 

ये शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और शरीर को संक्रमणों से बचाकर स्वस्थ भी रखता है. आयुर्वेद में भी कपूर के तेल का बहुत इस्तेमाल किया जाता है. तो आईये कपूर के कुछ ऐसे ही औषधीय लाभकारी गुणों के बारे में जानते है.

कपूर त्वचा एवं मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद है। यदि किसी को जोड़ों का दर्द है, तब भी कपूर का इस्तेमाल किया जाता है।

इसके प्रयोग से कई प्रकार के मरहम बनाए जाते हैं। यदि आप आयुर्वेदिक संदर्भ से जानें, तो कपूर का प्रयोग करके भिन्न-भिन्न मकसद के लिए मरहम तैयार किए जाते हैं और कई सारी शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवाओं में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है 
टिकिया कपूर 

कपूर में उड़नशील तत्व होते हैं जिसकी वजह से अगर कपूर को ऐसे ही खुला छोड़ दिया जाये तो यह उड़ जाता है, इसीलिए मुहावरे में 'काफूर होना' मतलब उड़न छू हो जाने के मतलब में इस्तेमाल किया जाता है 
कपूर को अगर एयर टाइट शीशी में रखा जाये तो नहीं उड़ेगा और अगर इसमें 2-4 दाना काली मिर्च मिलाकर रखने से यह ऐसे भी नहीं उड़ता है, यह एक तरह का टोटका है 

कपूर साधारणतः दो तरह का मिलता है एक ढेला कपूर और दूसरा टिकिया कपूर
ढेला कपूर 

ढेला कपूर ऐसे ही मिश्री की तरह होता है जबकि टिकिया कपूर टिकिया या टेबलेट के आकार में होता है, बस साइज़ का फर्क होता है दोनों के फ़ायदे बराबर हैं कोई फर्क नहीं 

पेशाब रुकने पर - अगर किसी वजह से पेशाब रुक गया हो तो एक केला लेकर उसके अन्दर  एक टिकिया कपूर डालकर खा जाएँ, इस से पेशाब खुल कर आने लगता है. पेशाब के रास्ते में कपूर का छोटा सा दाना डालने पर भी पत्थरी की वजह से रुका पेशाब आने लगता है 

मर्दाना ताक़त बढ़ाने की कई आयुर्वेदिक दवाओं में कपूर का इस्तेमाल होता है जैसे पुष्पधन्वा रस, मन्मथ रस. कपूर को बताशे के साथ खाने से मर्दाना ताक़त बढ़ती है 

सौ रोगों की एक दवा 'अमृत धारा'

धारा या अमृत धारा के नाम से जो दवा मिलती है उसमे भी कपूर मिलाया जाता है. इस दवा को यूनानी चिकित्सा पद्धति में 'क़ुल्ज़ुम' कहा जाता है 
इसे आप आसानी से घर पर भी बना सकते हैं, इसके लिए कपूर, अजवाइन सत्त और पिपरमिंट या पुदीना सत्त ये तीनों को बराबर वज़न में लेकर कांच की शीशी में डाल दें. 

कुछ ही देर में तीनों पिघलकर लिक्विड बन जायेगा, बस अमृत धारा तैयार है 

यह कई तरह के रोगों में काम आती है जैसे - पेट दर्द, उलटी, दस्त, मरोड़, होने पर इसे चीनी या बताशे में 2 बून्द डालकर खाना चाहिए. 

अगर बार बार पेट दर्द की शिकायत हो या फिर बार-बार दस्त की शिकायत हो तो अमृत धारा के इस्तेमाल फ़ायदा होता है 

इसके अलावा किसी विषैले कीड़े के काटने, मधुमक्खी के डंक में भी इसे लगाने से फ़ायदा होता है 

सर्दी-जुकाम होने पर अमृत धारा को सूंघना चाहिए, कान दर्द होने पर इसे कान में डालना चाहिए,  इसके आलावा कई सारी बिमारियों में इस से फ़ायदा होता है 

 घर में ताजगी के लिए 2-4 टिकिया कपूर रख कर छोड़ देने से सुगंध फैलने लगती है. इसका भी आपको लाभ ही मिलता है क्योकि कपूर की सुगंध से ना तो कपड़ों में फफूंद लगती है और ना ही कीड़े मकोड़े, साथ ही आपके घर का वातावरण साफ़ और शुद्ध भी हो जाता है और हवा से सारे कीटाणु दूर हो जाते है. इस तरह से कपूर घर में ताजगी लाता है. 

कपूर का तेल ( Camphor Oil ) : अगर आप घर पर ही कपूर का तेल बनाना चाहते है तो आपको बता दें कि इसकी विधि बहुत ही आसान है. इसके लिए एक शीशी में नारियल तेल लें  और कुछ कपूर की गोलियाँ डालें और अच्छी तरह से मिलाकर रख लें, बस कपूर का तेल तैयार है 

त्वचा विकार या स्किन प्रॉब्लम के लिए -

कपूर के तेल के इस्तेमाल से हर तरह के स्किन प्रॉब्लम फ़ायदा होता है, किल मुहांसे, दाग-धब्बे सभी को दूर करता है 

यदि किसी को मांसपेशियों में दिक्कत या फिर जोड़ों का दर्द है, तो कपूर के तेल से मालिश करें। रोगी को चमत्कारी प्रभाव का अनुभव होगा। 

बालों का झड़ना रोकने के लिए -

अगर बाल गिर रहे हों तो कपूर के तेल को किसी अन्य सुगन्धित तेल के साथ मिलाकर बालों में लगाना चाहियें. इस तरह ये बालों की जड़ों को मजबूत करता है और बाल झड़ने की समस्या को दूर करता है, इस से सर की जुएँ भी मर जाती हैं 

 फटी ऐड़ियों के लिए -

कपूर को एड़ियों पर लगाने से इन दरारों को ना सिर्फ भरा जा सकता है बल्कि एड़ियों को मुलायम भी बनाया जा सकता है. इसके लिए आप थोडा गर्म पानी कर लें और उसमे कपूर की कुछ गोलियों को डालें. आप कुछ देर तक अपने पैरों को इस पानी में रखें और फिर साफ़ कर लें. इस उपाय को आप 15 से 20 दिनों तक अपनाएँ. आपको जल्द ही आराम मिलेगा.

घाव या ज़ख्म के लिए  -

खेलते कूदते वक़्त शरीर पर घाव लगना या थोडा बहुत हाथ जल जाना बहुत ही सामान्य बात होती है. इसके लिए हम अकसर किसी एंटीबायोटिक क्रीम या दवाई का इस्तेमाल करते है किन्तु इसकी जगह आप कपूर का इस्तेमाल करें तो जल्दी आराम मिलेगा. घाव या जले पर कपूर को इस्तेमाल करने के लिए आप कपूर को थोड़ी देर के लिए पानी में डालें रखें, उसके बाद आप इसे उस स्थान पर लगायें जहाँ आपको घाव या जला है. इस तरह ना सिर्फ आपको आराम मिलता है बल्कि घाव तक नही रहता.   


तो दोस्तों, ये थे कपूर के कुछ फ़ायदे और इस्तेमाल 

Watch it on YouTube





हमारे विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की टीम की सलाह पाने के लिए यहाँ क्लिक करें
Share This Info इस जानकारी को शेयर कीजिए
loading...

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

 
Blog Widget by LinkWithin