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31 अक्तूबर 2016

Himalaya Himcocid Benefits | हिमालया हिमकोसिड एसिडिटी की आयुर्वेदिक दवा | Acidity Ki Herbal Dava Himalaya Himcocid


हिमालया हिमकोसिड पूरी तरह से आयुर्वेदिक नेचुरल Antacid है जो पेट के रोगों जैसे एसिडिटी, अपच, खट्टी डकार आना जैसे रोगों के लिए असरदार दवा है 

अम्लपित्त या एसिडिटी के लिए शास्त्रीय आयुर्वेदिक औषधि अविपत्तिकर चूर्ण और एक अनुभूत योग अम्लपित्तान्तक चूर्ण के बारे में पहले ही अपनी वेबसाइट चैनल पर जानकारी दे चूका हूँ 

हिमालया हेल्थ केयर की हिमकोसिड सिरप  एसिडिटी के लिए  एक बहुत ही असरदार दवा है जो की हर जगह मिल जाती है 

सीने की जलन, अपच होना, पेट फूलना, उल्टी, पेट दर्द, पेट में गैस बनना जैसी प्रॉब्लम के लिए यह बेहतरीन दवा है 

जब आपको डाईजीन जैसी अंग्रेज़ी दवा पिने से फ़ायदा न हो रहा हो तो भी हिमकोसिड काम करता है और अपना असर दिखाता है 

हिमालया हिमकोसिड का इस्तेमाल एसिडिटी(GERD), एसिड पेप्टिक डिजीज, गैस्ट्रिक, आमाशय की सुजन जैसे रोगों में किया जाता है 


आयुर्वेद की जानी-मानी असरदार दवाओं के मिश्रण से इसे बनाया गया है, आईये जानते हैं कि इसका कम्पोजीशन क्या है- 

इसमें मिलाया गया है कपर्दक भस्म, दुग्धपाषाण, मुक्ताशुक्ति भस्म के साथ गिलोय, आँवला और पुनर्नवा 

कपर्दक भस्म- इसे वराटिका भस्म और कौड़ी भस्म के नाम से भी जाना जाता है

कपर्दक भस्म बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक antacid है इसके प्रयोग से अम्लपित्त, गैस, गुल्म, ग्रहणी, पाचन शक्ति की कमज़ोरी, खट्टी डकार आना दूर करता है और बढ़े हुवे पित्त को कम करता है

दुग्धपाषाण - दुग्धपाषाण एक तरह का खनिज है जो ग्राही और संकोचक प्रकृति का होता है इसे अंग्रेज़ी में मैग्नीशियम सिलिकेट कहते हैं

यह पेट और आंत के रोगों के लिए फायदेमंद होता है, यह शीत वीर्य है और antacid की तरह काम करता है 

मुक्ताशुक्ति भस्म - मुक्ताशुक्ति भस्म  गैस, पित्त विकारों और कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए प्रयोग किया जाता है, मोतियों की सीप को ही मुक्ताशुक्ति कहते हैं और आयुर्वेदिक विधि से बनायी गयी इसकी भस्म को मुक्ताशुक्ति भस्म कहते हैं 

यह गैस्ट्रिक, पित्त की अधिकता, गुल्म और दुसरे सभी पित्त दोष को दूर करने वाली असरदार दवा है 

गिलोय - गिलोय जिसे गुडूची, गुरीच और अमृता भी कहा जाता है जलन और पित्त विकारों को दूर करती है, एसिडिटी को ठीक करती है और पेट के अलावा पुरे शरीर पर इसका प्रभाव होता है, गिलोय के गुण अपार हैं 

आँवला- आँवला को सभी लोग जानते हैं जो की बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट है और विटामिन सी से भरपूर होता है, पेट के रोगों और एसिडिटी को कम करता है 

पुनर्नवा - पुनर्नवा शोथ या सुजन कम करने की जानी मानी औषधि है, एसिडिटी को कम करता है और पेट के रोगों में राहत देता है 

 इन सभी जड़ी-बूटी और खनिज के मिश्रण से बनी हिमालया हिमकोसिड बेहद असरदार दवा बन जाती है 


अब जानते हैं हिमालया हिमकोसिड के फ़ायदे -

यह पूरी तरह से हर्बल नेचुरल antacid है 

यह पेट को एसिड के नुकसान से बचाता है और अल्सर को ठीक करता है 

Heartburn और Non-ulcer Dyspepsia में फ़ायदा करता है 

पेट में गैस बनना, अपच, डकार आना जैसी प्रॉब्लम को दूर करता है 

अम्लपित्त के कारण उल्टी जैसा लगना या उल्टी होना, पेट फूलना जैसे symptom को दूर करता है 

पेट के अन्दर की सुजन को कम करता है और पाचन शक्ति को सुधारता है 

हिमालया हिमकोसिड का डोज़-

एक से दो चम्मच तक दिन में दो बार खाना के बिच में या खाना खाने के बाद लेना चाहिए 

हिमालया हिमकोसिड नार्मल के अलावा कई दुसरे फ्लेवर में भी उपलब्ध है जैसे मिंट फ्लेवर, बनाना फ्लेवर और सौंफ़ फ्लेवर में 


सभी का असर बराबर है बस स्वाद का फर्क होता है 

कुल मिलाकर देखा जाये तो एसिडिटी और इस से रिलेटेड जो भी प्रॉब्लम हो उसे दूर करने के लिए हिमालया हिमकोसिड बेहद असरदार नेचुरल हर्बल दवा है 



तो दोस्तों, ये थी आज की जानकारी हिमालया हिमकोसिड के फ़ायदे और इस्तेमाल के बारे में. ऑनलाइन ख़रीदने के लिए यहाँ क्लिक करें 


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