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02 दिसंबर 2021

Bilwasava | बिल्वासव के फ़ायदे

 

bilwasava benefits

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है बिल्व यानी बेल से बनी हुयी आसव-अरिष्ट केटेगरी वाली तरल रूप वाली औषधि. इसका नाम ही बताता है कि बेल इसका मुख्य घटक या मेन इन्ग्रीडेंट है. 

बिल्वासव के घटक या कम्पोजीशन 

इसके कम्पोजीशन की बात करें तो यह कुछ इस तरह से है - कच्चे बेल का गूदा 10 किलो, गुड़ 7.5 किलो, धाय के फुल 1 किलो, नागकेशर 400 ग्राम, काली मिर्च 200 ग्राम, लौंग 200 ग्राम और कपूर 50 ग्राम, क्वाथ बनाने के लिए पानी 80 लीटर 

बिल्वासव निर्माण विधि 

इसे बनाकर यूज़ करना सबके लिए संभव नहीं, बस आपकी जानकारी के लिए बता दे रहा हूँ. बेल के गूदे को पानी में डालकर 20 लीटर पानी बचने तक उबालें. इसके बाद ठण्डा होने पर छानकर दूसरी सभी चीजें मिक्स कर चीनी मिट्टी के घड़े में डालकर अच्छी तरह से सील कर रख दिया जाता है. एक महिना के बाद संधान होने पर कपड़े से छानकर काँच की बोतलों में भरकर रख लिया जाता है. यही बिल्वासव

है. 

बिल्वासव की मात्रा और सेवन विधि 

15 से 30 ml तक रोज़ दो से तीन बार तक भोजन के बाद. या फिर स्थानीय वैद्य जी की सलाह के अनुसार ही सेवन करना चाहिए 

बिल्वासव के गुण 

पाचक, संग्राही, अग्निवर्द्धक और आमपाचक जैसे गुणों से भरपूर होता है

बिल्वासव के फ़ायदे 

अपच, अतिसार, संग्रहणी में ही इसका प्रमुखता से प्रयोग किया जाता है.

बार-बार दस्त होना, लूज़ मोशन होना और आँतों की कमज़ोरी में इसका प्रयोग किया जाता है.

आँव आना, संग्रहणी, IBS में इसके सेवन से लाभ होता है

पाचन शक्ति को ठीक करता है, भूख बढ़ाता है

IBS में इसे दूसरी औषधियों के साथ सहायक औषधि के रूप में ले सकते हैं. जिनको आसव-अरिष्ट वाली औषधि सूट नहीं करती है उनको इसकी जगह पर 'बिल्वादि चूर्ण' या 'कुटज बिल्वादिघन वटी' जैसी औषधि लेनी चाहिए. 

बिल्वासव ऑलमोस्ट सुरक्षित औषधि है, इसके सेवन से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. 

बिल्वासव आप घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं, ऑनलाइन ख़रीदने का लिंक  दिया गया है.  

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