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19 दिसंबर 2022

Kameshwar Modak | कामेश्वर मोदक - आयुर्वेदिक लड्डू

 

kameshwar modak

यह एक ऐसा लड्डू है जिसे खाने से पुरुषों का पॉवर-स्टैमिना बढ़ता है, मरदाना कमज़ोरी दूर होकर शीघ्रपतन और वीर्य विकार जैसे रोग दूर हो जाते हैं. तो आईये जानते हैं कामेश्वर मोदक का फ़ॉर्मूला, बनाने का तरीका और फ़ायदे के बारे में सबकुछ विस्तार से - 

कामेश्वर मोदक 

आयुर्वेद में मोदक का मतलब होता है लड्डू, काम का मतलब सेक्स और ईश्वर का अर्थ आप जानते ही हैं. यौन क्षमता या सेक्स पॉवर बढ़ाने में यह बेजोड़ है. 

कामेश्वर मोदक के घटक या कम्पोजीशन 

इसके कम्पोजीशन की बात करें तो इसे बनाने के लिए चाहिए होगा अभ्रक भस्म, कायफल, कूठ, असगंध, गिलोय, मेथी, मोचरस, विदारीकन्द, सफ़ेद मूसली, गोखरू, तालमखाना, केला-कन्द, शतावर, अजमोद, उड़द, तिल, मुलेठी, नागबला, धनियाँ, कपूर, मैनफल, जायफल, सेंधा नमक, भारंगी, काकड़ासिंघी, भांगरा, सोंठ, काली मिर्च, पीपल, जीरा, काला जीरा, चित्रकमूल छाल, दालचीनी, तेजपात, बड़ी इलायची, नागकेशर, सफ़ेद पुनर्नवामूल, गजपीपल, मुनक्का बीज निकला हुआ, सन के बीज, बांसामूल की छाल, सेमल मूसला, हर्रे, आँवला, शुद्ध कौंच बीज प्रत्येक 10-10 ग्राम,  शुद्ध भांग बीज 110 ग्राम, गाय का घी 100 ग्राम, शहद 100 ग्राम और चाशनी बनाने के लिए चीनी एक किलो 

कामेश्वर मोदक निर्माण विधि 

इसे बनाने का तरीका यह है कि सबसे पहले सभी जड़ी-बूटियों का बारीक कपड़छन चूर्ण बना लें. अभ्रक भस्म को चूर्ण बनाने के बाद में मिक्स करें. चीनी की लच्छेदार चाशनी बनाकर चूर्ण और घी डालकर अच्छे तरह से मिलाने के बाद चूल्हे से उतार कर थोड़ा ठण्डा होने पर शहद मिलाकर अच्छी तरह से घोंटकर छोटे-छोटे लड्डू बना लें. ठीक मोती-चूर के लड्डू के साइज़ के लड्डू बनाना है. बस कामेश्वर मोदक तैयार है. 

कामेश्वर मोदक की मात्रा और सेवन विधि 

रोज़ एक लड्डू सुबह नाश्ते के बाद दूध से लेना चाहिए.

कामेश्वर मोदक के गुण या प्रॉपर्टीज 

यह बाजीकरण, कामाग्निसंदीपन, वीर्य स्तम्भक, वात नाशक और बुद्धिवर्द्धक गुणों से भरपूर होता है. 

कामेश्वर मोदक के फ़ायदे 

मरदाना कमज़ोरी, सेक्स की इच्छा नहीं होना, शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन जैसी पुरुषों की हर तरह की समस्या में इसके सेवन से लाभ होता है. 

यह पॉवर-स्टैमिना बढ़ाता है, कमज़ोरी दूर कर शरीर को शक्ति देता है.

फेफड़ों की कमजोरी, खांसी, अस्थमा, टी.बी., अतिसार, अर्श, प्रमेह इत्यादि में भी लाभकारी है.

कुल मिलाकर बस यह समझ लीजिये कि ठण्ड के मौसम में इसे बनाकर यूज़ कर सकते हैं. अगर नहीं बना सकें तो इसी के जैसा फायदा देनी वाली दवा 'बाजीकरण चूर्ण' यूज़ कीजिये.


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