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21 अप्रैल 2018

Fibroid Ayurvedic Treatment | गर्भाशय अबुर्द की आयुर्वेदिक चिकित्सा | Vaidya Ji Ki Diary


जैसा कि आप सभी जानते हैं यह महिलाओं की बीमारी है जिसकी वजह से गर्भाशय में एक तरह के सिस्ट या ग्लैंड हो जाते हैं, यह छोटे और बहुत बड़े और एक से ज़्यादा भी हो सकते हैं, तो आईये जानते हैं Fibroid को दूर करने वाले आयुर्वेदिक योग की पूरी डिटेल - 

सोनोग्राफी के बाद ही इसकी संख्या और आकार का सही पता चलता है, साइज़ ज़्यादा होने पर डॉक्टर लोग ऑपरेशन की सलाह देते हैं, पर यह दवा से भी ठीक हो सकता है. तो आईये जानते हैं इसके लिए कौन-कौन सी दवाओं को किस तरह से लेना चाहिए? 

योग नंबर - 1 

इसके लिए ये सब औषधियाँ चाहिए जैसे - 

स्फटिक भस्म - 10 ग्राम, 

शिला सिन्दूर- 2.5 ग्राम, 

रस माणिक्य- 2.5 ग्राम, 

कहरवा पिष्टी - 10 ग्राम, 

मोती पिष्टी- 5 ग्राम, 

गण्डमालाकनडन रस- 5 ग्राम, 

गंधक रसायन- 5 ग्राम और 

गिलोय सत्व - 10 ग्राम 

सबसे पहले शिला सिन्दूर और रस माणिक्य को अच्छी तरह से खरलकर दूसरी दवाओं को मिक्स कर अच्छी तरह से पीसकर बराबर मात्रा की 60 पुड़िया बना लें. अब एक-एक पुड़िया सुबह शाम शहद में मिक्स लेना है भोजन के बाद. 

योग नंबर- 2 

वृधिवाधिका वटी 1 गोली + कांचनार गुग्गुल 2 गोली + त्रिफला गुग्गुल 2 गोली मिलाकर सुबह-दोपहर-शाम लेना है महामंजिष्ठारिष्ट 2 स्पून + अशोकारिष्ट 2 स्पून और पानी चार स्पून मिक्स कर भोजन के बाद. 

बताई गयी मात्रा व्यस्क व्यक्ति की है, महिला की बॉडी की कंडीशन, बीमारी और प्रकृति के अनुसार मात्रा कम या फिर दवाओं में बदलाव करना चाहिए, जो कि एक अनुभवी डॉक्टर ही कर सकता है. 

यहाँ बताया गया दोनों योग एक महिना तक इस्तेमाल करने के बाद सोनोग्राफी से Fibroid का साइज़ पता करें, अगर कुछ भी फ़ायदा होता है तो आगे भी इस दवा को लेना चाहिए. यहाँ बताया गया योग आयुर्वेदिक डॉक्टर की देख रेख में यूज़ करें. 

हमारा चैनल/Website देखने वाले डॉक्टर बंधू इस योग को अपने रोगियों पर प्रयोग कर सकते हैं. अगर इस योग से कुछ भी फ़ायदा नहीं होता है तो ऑपरेशन ही लास्ट आप्शन है. 


वैद्य जी की डायरी के दुसरे योग - 





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