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31 मार्च 2017

Rohitkarishta Benefits & Review | रोहितकारिष्ट बढ़े स्प्लीन की आयुर्वेदिक दवा - Lakhaipurtv


बढ़े हुवे स्प्लीन या तिल्ली के लिए रोहितकारिष्ट एक जानी-मानी शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है जिसे सदियों से प्रयोग किया जा रहा है

इसके इस्तेमाल से न सिर्फ़ बढ़ा हुवा स्प्लीन ठीक होता है बल्कि बढ़ा हुआ लीवर, जौंडिस, हेपेटाइटिस, कोलाइटिस, हार्ट की प्रॉब्लम ब्लड इन्फेक्शन, वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन में भी फ़ायदा होता है

सबसे पहले जान लेते हैं रोहितकारिष्ट का कम्पोजीशन- 

रोहितकारिष्ट जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है इसका मुख्य घटक रोहितक नाम के पेड़ की छाल होती है, इसमें रक्त रोहितक या लाल रंग के रोहितक के छाल का इस्तेमाल किया जाता है. रोहितक की छाल के काढ़े मे गुड़ मिलाकर संधान प्रक्रिया से रिष्ट बनाया जाता है और प्रक्षेप द्रव्य के रूप में धातकी, पिप्पली, पिपरामुल, चव्य, चित्रक, सोंठ, दालचीनी, इलायची, तेजपात और हर्रे, बहेड़ा, आँवला मिलाया जाता है. यह रिष्ट यानि  सिरप या लिक्विड के रूप में होता है 



रोहितकारिष्ट के फ़ायदे- 

जैसा की पहले बताया हूँ स्प्लीन Enlargement या बढ़े हुवे तिल्ली के लिए यह एक बेहतरीन दवा है, किसी भी कारण से बढ़े हुवे स्प्लीन और लीवर नार्मल कर इनके फंक्शन को सही करता है 

Digestion की प्रॉब्लम, भूख नहीं लगना, गैस, पेट फूलना, खून की कमी और कब्ज़ की प्रॉब्लम को दूर कर पेट साफ़ करने में मदद करता है 

पित्त स्राव को बढ़ाता है जिस से खाना सही से हज़म होता है, इसके अलावा, दिल की बीमारी, खून साफ़ करने, कोलाइटिस, कैंसर और बवासीर जैसे रोगों में भी फ़ायदेमंद है 

रोहितकारिष्ट का डोज़-

15 से 30 ML तक दिन में 2 बार आधा कप पानी मिलाकर भोजन के बाद लेना चाहिए, बच्चों को कम डोज़ में देना चाहिए, 100 % सुरक्षित आयुर्वेदिक दावा है किसी तरह का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है. 

बैद्यनाथ, डाबर, पतंजलि जैसी कई सारी आयुर्वेदिक कंपनियों का आयुर्वेदिक दवा दुकान में मिल जाता है, या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं.




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