भारत की सर्वश्रेष्ठ आयुर्वेदिक हिन्दी वेबसाइट लखैपुर डॉट कॉम पर आपका स्वागत है

16 मार्च 2017

श्वासकास चिन्तामणि रस, अस्थमा-खांसी की बेजोड़ दवा | Swaskas Chintamani Ras Benefits & Use - Lakhaipurtv


श्वासकास चिन्तामणि रस एक स्वर्णयुक्त दवा है जो लंग्स या फेफड़ों की हर तरह की नयी-पुरानी बीमारियों में इस्तेमाल की जाती है, यह अस्थमा, खांसी, Bronchitis, सर्दी, कफ़ जैसे रोगों को दूर करती है, हार्ट को शक्ति देती है, लीवर, किडनी और ब्लैडर को स्वस्थ बनाती है

आयुर्वेद में एक दूसरी दवा 'श्वास चिन्तामणि रस' भी है जिसकी जानकारी फिर कभी दूंगा.
आईये सबसे पहले जान लेते हैं श्वासकास चिन्तामणि रस का कम्पोजीशन- 

इसे शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, स्वर्ण भस्म, माक्षिक भस्म, मुक्ता भस्म, अभ्रक भस्म और  लौह भस्म में कंटकारी स्वरस, अदरक स्वरस, मुलेठी क्वाथ, बकरी का दूध और पान के रस की भावना देकर अच्छी तरह से खरल कर 125 mg की गोलियां बनाई जाती हैं 

सोना, मोती जैसे पावरफुल भास्मों और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से यह दवा बेहद असरदार बन जाती है 



श्वासकास चिन्तामणि रस के फ़ायदे- 

जैसा कि इसका नाम है 'श्वासकास' श्वास मतलब अस्थमा या दमे की बीमारी और कास का मतलब खांसी, अस्थमा और खाँसी के यह बेजोड़ दवा है 

त्रिदोष पर इसका प्रभाव होता है और यह वात और कफ़ दोष को बैलेंस करती है 

एक कहावत है कि 'दमा दम के साथ जाता है' पर यदि इस दवा का इस्तेमाल सही से किया जाये तो दमा ठीक हो सकता है 

श्वासकास चिन्तामणि रस के इस्तेमाल से अस्थमा के अलावा नयी पुरानी खांसी, हुपिंग कफ़ या कुकुर खाँसी और Bronchitis जैसे रोग दूर होते हैं
इसके इस्तेमाल से नए पुराने एलर्जिक बीमारियाँ भी दूर होती है ख़ासकर रेस्पिरेटरी सिस्टम की 

यह कमज़ोर पाचन शक्ति को ठीक करती है, खून की कमी और जौंडिस में भी फ़ायदेमंद है 


श्वासकास चिन्तामणि रस का डोज़ और इस्तेमाल करने का तरीका-
1 से 2 गोली या 125 से 250 mg तक छोटी पीपल का चूर्ण और शहद में मिलाकर या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए 

इसके साथ में द्राक्षारिष्ट, कनकासव और श्वासकुठार रस जैसी औषधियाँ भी ली जा सकती हैं, इस दवा को डॉक्टर की देख रेख में लेना ही बेहतर है 


हमारे विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की टीम की सलाह पाने के लिए यहाँ क्लिक करें
Share This Info इस जानकारी को शेयर कीजिए
loading...

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

 
Blog Widget by LinkWithin